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आमदनी जीरो, आटा 70 रुपये किलो, कैसे चलेगा इमरान का पाकिस्तान?

aajtak.in
  • 19 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST
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पाकिस्तान की लगातार गिरती अर्थव्यवस्ता और बढ़ती महंगाई ने वहां के लोगों का जीना दूभर कर दिया है. एक तरफ वहां आर्थिक बदहाली ने लोगों की जेब पर डाका डाल दिया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि रोजमर्रा के खाने में इस्तेमाल होना वाला आटा भी 70 रुपये किलो बिक रहा है.

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लाहौर, कराची और दूसरे शहरों में गेहूं के एक किलोग्राम आटे की कीमत में 6 रुपये का उछाल आया है. लोगों को अब एक किलो आटे के लिए 70 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. समाचारपत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पीटीआई सरकार के कार्यकाल के दौरान आटे की कीमत में अब तक 20 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है.

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प्रधानमंत्री इमरान खान ने आटे के दाम अचानक बढ़ा दिए जाने पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल उपाय करने का आदेश दिया है. उन्होंने एक दिन पहले एक बैठक के दौरान खाद्य वस्तुओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की दरों को कम करने के लिए प्रस्ताव मांगे थे. दो हफ्तों में आटे की कीमत दूसरी बार बढ़ी है.

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आटे की बढ़ती कीमत को लेकर हो रही शिकायत के बीच आटा मिल्स एसोसिएशन ने कीमत में बढ़ने की वजह बताते हुए कहा कि मिल मालिकों को सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिल रही है.

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एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "गेहूं की कीमत बढ़ने के बाद आटे की कीमत बढ़ी है, सरकार की (नई) बिजली और गैस दरों के कारण हालत बदतर हो गई है."

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प्रधानमंत्री इमरान खान ने आटे की कीमतों को नियंत्रित कर इसे कम करने का जिम्मा फेडरल मिनिस्टर फॉर नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड रिसर्च खुसरो बख्तियार और अपनी पार्टी पीटीआई के वरिष्ठ नेता जहांगीर तारेन को सौंपा है. इसके अलावा उन्होंने पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्रियों के साथ भी इस बाबत चर्चा की है. बता दें कि पाकिस्तान में सिर्फ आटा ही नहीं दूध, सब्जी और डेयरी उत्पादों के दामों में भी आग लगी हुई है.

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