सर्दी लगातार बढ़ रही है. पहाड़ों पर बर्फबारी जारी है. जम्मू-कश्मीर में 'चिल्लई-कलां' का असर है. श्रीनगर में बर्फबारी की वजह से ठंड बढ़ गई है. कश्मीर घाटी को शीतलहर ने जकड़ा है. पारा माइनस 7.8 डिग्री चला जाने की वजह से डल झील जम गई है. डल झील पर शिकारों का चलना कम हो गया है. सिर्फ काम के शिकारे ही चल पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें झील पर जमे बर्फ के टुकड़े तोड़ने पड़ रहे हैं. (सभी फोटोः रौफअहमद रोशनगर)
कश्मीर में भारी बर्फबारी से डल झील के हिस्से दो दिन पहले से ही जमने लगे थे. पारा माइनस 7.8 डिग्री तक जाने की वजह से ऊपरी सतह भी जम रहा है. इससे कश्मीर घाटी में तापमान घटता जा रहा है. लद्दाख में सिंधु नदी के पानी में कई जगह बर्फ के टुकड़े बहते हुए देखने को मिले.
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार श्रीनगर के न्यूनतम तापमान में शून्य डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई गई है. वहीं, अधिकतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान जताया है. साथ ही कोहरे और धुंध की भी संभावना है.
अभी कश्मीर में 'चिल्लई-कलां' चल रहा है. इस दरमियान कश्मीर घाटी में 40 दिनों तक भीषण ठंड रहती है. 'चिल्लई-कलां' 21 दिसंबर को शुरू हुआ था. यह 31 जनवरी को खत्म होगा. इसके बाद 20 दिनों तक 'चिल्लई-खुर्द' और फिर 10 दिन का ‘चिल्लई-बच्चा' चलेगा.
कश्मीर में ठंड को लेकर मौसम विभाग ने कई इलाकों के लिए यलो अलर्ट भी जारी किया है. जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में पानी का स्रोत जमने से आपूर्ति में दिक्कत आ रही है. बताया जाता है कि दिन और रात का तापमान न्यूनतम स्तर पर है.