चीन से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस की वजह से अब तक 105,034 लोग प्रभावित हो चुके हैं. 3,597 लोगों की मौत हो चुकी है. चीन में अकेले 80,695 लोग संक्रमित हैं और 3097 लोग मारे गए हैं. लेकिन चीन का प्रशासन कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों का इलाज कर रहीं महिला स्वास्थ्यकर्मियों से ज्यादती पर उतर आया है. (फोटोः गेटी)
चीन की सरकार ने महिला स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे चीन की महिला स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य महिलाओं में भारी नाराजगी है. (फोटोः एपी)
चीन की महिलाएं और महिला स्वास्थ्यकर्मी इस समय माहवारी संबंधी उत्पाद न मिलने, खराब फिटिंग वाले सुरक्षात्मक सूट और सिर मुंडवाने जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं. (फोटोः एपी)
इस बीच, चीन की मीडिया के अनुसार वहां की सरकार ने महिला स्वास्थ्यकर्मियों का पीरियड टालने के लिए गर्भ निरोधक दवाइयां दी हैं. इसकी वजह से महिला स्वास्थ्यकर्मियों में आक्रोश है. (फोटोः रायटर्स)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन चीन से महिलाओं के साथ इस तरह का भेदभाव सामने आया है. अब महिलाएं चीनी सरकार के इस कदम के खिलाफ एकजुट हो रही हैं. (फोटोः रायटर्स)
महिला स्वास्थ्यकर्मियों को अपने सुरक्षात्मक सूट को संरक्षित रखने के लिए शौचालयों का इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया है. शंघाई निवासी 24 वर्षीय जियांग जिनजिंग ने चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर इस मुद्दे को उठाया है. (फोटोः रायटर्स)
सैनिटरी उत्पादों को दान देने का अभियान शुरू करने वाली जियांग ने कहा कि कई महिला चिकित्साकर्मी संदेश भेज रही हैं कि पीरियड्स के कारण उन्हें काफी दिक्कतें हो रही हैं. (फोटोः पीटीआई)
एक महिला ने उन्हें बताया कि सुरक्षात्मक सूट को पहनकर दिनभर खा-पी भी नहीं सकते, सैनिटरी नैपकिन बदलने की तो बात ही छोड़िए. (फोटोः पीटीआई)
कई महिला स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वे पीरियड्स को रोकने के लिए डाइपर तक पहन रही हैं. इसकी वजह से सैकड़ों महिला स्वास्थ्यकर्मियों को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो चुका है. लेकिन वे कोरोना मरीजों के इलाज में लगी हुई हैं. (फोटोः रायटर्स)
जियांग जिनजिंग के प्रयासों के चलते कई लोग और कंपनियां आगे आई हैं. अब ये लोग 600,000 से अधिक सैनिटरी पैड और माहवारी से बचाव वाले कपड़े भेज रहे हैं जिन्हें लंबे समय तक के लिए पहना जा सकता है. (फोटोः रायटर्स)
जियांग ने बताया कि कुछ अस्पताल के अधिकारियों ने सैनिटरी पैड दान देने से इनकार कर दिया क्योंकि वे इस मुद्दे को लेकर पर्याप्त जागरुक नहीं हैं. (फोटोः पीटीआई)