कोरोना वायरस पूरी दुनिया में महामारी का रूप ले चुका है और लोग इसे मौत का दूसरा नाम मानने लगे हैं. पूरी दुनिया में 5 हजार से भी ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आने से अपनी जान गंवा चुके हैं. भारत में भी इसके 113 मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है. इसी बीच बेंगलुरू में एक शख्स में कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई है. पुष्टि होने से पहले शख्स की पत्नी आगरा अपने मायके चली गई थी. इस वजह से आगरा में भी दहशत का माहौल है.
(सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं)
कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. सुधाकर ने कहा कि महिला और उनके पति अपने हनीमून पर स्विट्जरलैंड और ग्रीस (इटली नहीं) गए थे और 6 मार्च को मुंबई लौट आए. मुंबई से वे 8 मार्च को रात लगभग 9.45 बजे बेंगलुरु पहुंचे. पति बेंगलुरु में अपने घर चला गया, जबकि पत्नी 9 मार्च को सुबह 1.30 बजे एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुईं. दिल्ली से उसने आगरा की यात्रा की. वह बेंगलुरु एयरपोर्ट से बाहर नहीं आई थी.
मंत्री डॉ. सुधाकर के मुताबिक, पति एक दिन बाद बीमार हुआ और 12 मार्च को उसका टेस्ट पॉजिटिव आया. कर्नाटक सरकार का कहना है कि यह कहना गलत होगा कि वह भाग गई, क्योंकि 9 मार्च को उसके पति में कोई लक्षण नहीं मिले थे और न ही उसका टेस्ट हुआ था.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जब महिला के घर पहुंचे तो वो परिवार के अन्य 8 परिजनों के साथ रह रही थी. इन सभी को आइसोलेट करने के फैसले पर परिजनों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. महिला के पिता ने साफ तौर पर झूठ बोलते हुए कहा कि उनकी बेटी बेंगलुरु से वापस ही नहीं लौटी है. इसके बाद मौके पर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस को बुलाया गया. तब पूरे परिवार को वहां से ले जाया गया.
बता दें कि महिला की शादी इस साल फरवरी महीने में हुई थी. इसके बाद वो अपने पति के साथ हनीमून मनाने ग्रीस और स्विट्जरलैंड गई थी, फिर वो दोनों 27 फरवरी को पहले मुंबई और फिर बेंगलुरु पहुंचे. महिला बेंगलुरु एयरपोर्ट से दिल्ली आई और फिर अपने मायके आगरा चली गई थी.
हालांकि, इससे पहले खबर आई थी कि पति को कोरोना वायरस होने की पुष्टि के बाद महिला भागकर अपने मायके आगरा आ गई थी. इस पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि महिला की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत की वजह से कोरोना को फैलने से भगवान भी नहीं रोक सकता.
बता दें कि देश में कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद जिन दो लोगों की मौत हुई है उनके परिजनों को मोदी सरकार ने 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है.