कहते है कि कोबरा सांप का काटा पानी भी नहीं मांगता लेकिन महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक कोबरा खुद मुसीबत में फंस गया और उसकी जान पर बन आई. जमीन पर तेज रफ्तार से रेंगने वाला कोबरा पूरी तरह अकड़ गया था. सांप से न हिलते बन रहा था न ही रेंगते बन रहा था. काफी मशक्कत के बाद वाईल्ड लाइफ एनजीओ ने इसको रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा.
महाराष्ट्र में चंद्रपुर के बिनबा गेट इलाके में सड़क निर्माण का काम चल रहा था, सड़क निर्माण के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाले डामर का कुछ हिस्सा सड़क किनारे पड़ा था. ये कोबरा रेंगता हुआ आया और उसी में चिपक गया.
कोबरा को क्या पता था कि डामर में चिपकने के बाद वह रेंग ही नहीं पाएगा. जैसे ही कोबरा डामर में फंसा, वैसे ही पूरी तरह जाम हो गया. लाख कोशिश के बावजूद कोबरा अपने आप को नहीं निकाल पाया. गोंद की तरह चिपकने वाले डामर में फंस कर ये कोबरा पूरी तरह अकड़ गया. सांप ऐसे ही घंटों तक चिपका रहा.
कोबरा सांप के फंसे होने की जानकारी वहां के लोगों ने वाईल्ड लाइफ संगठन इको प्रो के सदस्यों को दी. जानकारी मिलते ही संगठन के सदस्य राजेश व्यास अपने साथियों के साथ पहुंचे और डामर में फंसे कोबरा को बड़ी ही सावधानी से उठाकर अपने ऑफिस में लेकर आए.
सांप को कोई नुकसान न हो इसका भी ध्यान रखना बहुत जरूरी था. इसीलिए सावधानी के साथ स्पिरिट और डेटॉल की मदद से धीरे-धीरे सांप के शरीर से डामर निकालने का काम शुरू किया गया.
ये काम खतरनाक था क्योंकि कोबरा अपने तेज जहर से लोगों को काट भी सकता था. लिहाजा एक सदस्य ने सांप का मुंह पकड़े रखा और बाकी सदस्य सांप के शरीर से डामर निकालने लगे. काफी मशक्कत के बाद सांप के शरीर से डामर निकाला गया और उसकी जान बचाई गई.
सांप की पूरी जांच करने के बाद eco pro संगठन के सदस्यों ने उसे फिर से जंगल में छोड़ दिया.