बागपत जिले का इतिहास से गहरा नाता रहा है और यहां की धरती को महाभारत कालीन माना जाता है क्योंकि यहां पर समय-समय पर महाभारत व हड़प्पा काल से जुटे अवशेष मिलते रहे हैं.
इतिहास की खोज के लिए पिछले एक महीने से पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम बागपत
जिले की सिनौली साइट पर खुदाई कर इतिहास की खोज करने में जुटी है क्योंकि
इस साइट पर हुई खुदाई के दौरान शाही ताबूत, रथ, शवाधान व प्राचीन मृदभांड
मिल चुके हैं. बागपत जिले के सिनौली गांव में इतिहास की खोज करने के लिए पुरातत्व विभाग की टीम पिछले माह से तीसरे चरण की खुदाई कर रही है. टीम को उत्खनन स्थल से कुछ अहम सुबूत भी मिले है जिसकी जांच में टीम जुटी हुई है.
आए दिन साइट से उत्खनन में मिल रहे सबूतों के बाद रविवार को पुरातत्व सर्वेक्षण की महानिदेशक उषा शर्मा सिनौली साइट पर पहुंचीं और उत्खनन स्थल का जायजा लिया है. महानिदेशक ने कहा कि सिनौली साइट से हमें अहम सुबूत मिल रहे हैं. इससे पहले हुई खुदाई में भी अहम सबूत मिले थे. फिलहाल जो भी सबूत मिल रहे हैं, उन पर रिसर्च करने के बाद ही यह कहा जा सकता है कि ये किस काल और कितने वर्ष पुराने हैं.
एक साल पहले हुए साइट पर उत्खनन के दौरान पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम को मौके से तलवारें, शाही ताबूत, रथ, शवाधान व मृदभांड मिल चुके हैं. दो दिन पूर्व भी साइट से खुदाई के दौरान जानवरों के कुछ कंकाल भी मिले थे जो कि घोड़ों के प्रतीत होते हैं. इसकी जांच के लिए टीम जुटी हुई है.
गौरतलब है कि सिनौली गांव के जंगलों में चल रही खुदाई में मिले महिला के कंकाल को यहां के इतिहासकार करीब 4,500 साल पुराना बता रहे हैं. इस कंकाल का महाभारत काल के होने का दावा किया जा रहा है क्योंकि कंकाल एक शाही ताबूत की ऊपरी सतह पर मौजूद है. वहां पर मिले सोने के आभूषणों के आधार पर ये किसी शाही परिवार की महिला या राजकुमारी का बताया गया. वहीं, ताबूत के पास से तलवार व मिट्टी के छोटे आकार के बर्तन भी मिले.
सिनौली साइट पर पहली बार कंकाल नहीं मिला है. इससे पहले भी सन 2005 में हुए उत्खनन में पुरातत्व विभाग की टीम को खुदाई में करीब सवा सौ मानव कंकाल व उनकी तलवारें मिली थीं. ये तलवारें महाभारत काल के योद्धाओं की बताई जा रही थी. उसके बाद 2018 के हुए उत्खनन में पुरातत्व विभाग की टीम को यहां पर शाही ताबूत मिले थे.
मानव कंकाल मिलने के साथ ही एक रथ, मृदभांड व तलवारें मिल चुकी हैं जिन्हें दिल्ली के लाल किले में भारतीय पुरातत्व संस्थान में सुरक्षित रख गया है. इतना ही नहीं, 6 माह पूर्व लाक्षागृह पर हुई खुदाई में भी टीम को महाभारत काल से जुड़े सुबूत मिल चुके है. वहीं, बागपत जिले के ही बिनोली थाना क्षेत्र के चंदायन गांव के जंगलों में हुई हुई पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा खुदाई में भी एक प्राचीन हड़प्पा काल की बस्ती के सबूत मिले थे और वहां से मानव कंकालों के साथ ही बर्तन आदि के सबूत मिल चुके हैं.