चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर एक बार बेइज्जती हो गई है. नाइजीरिया में मेड इन चाइना ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इससे बिफरे नाइजिरिया के आर्मी अफसरों ने कहा कि चीन का ड्रोन घटिया स्तर का है. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं)
चीन इस ड्रोन के जरिए अपनी ताकत दिखाना चाहता था. ड्रैगन को इस UAV CH-4 ड्रोन का बहुत गुमान था. इसके जरिये चीन अपने डिफेंस के साजोसामान और हथियार के धंधे को बड़ा करना चाहता था जिसके लिए उसने कई छोटे देशों को यह ड्रोन बेच भी दिया था.
पाकिस्तान, इराक, सउदी अरब, इजिप्ट ऐसे ही देश हैं जिन्होंने चीन से इस ड्रोन को खरीद लिया था. लेकिन नाइजरिया ने जब इसे इस्तेमाल करना शुरू किया तो यह धड़ाम से जमीन पर गिरकर कई टुकड़ों में बंट गया.
बता दें कि चीन ने अमेरिकी ड्रोन की नकल कर इस ड्रोन को तैयार किया था लेकिन शायद चीन उस टेक्नोलॉजी की नकल में चूक गया. 2001 में अमेरिका के एक ड्रोन की इमरजेंसी लैंडिंग कराकर चीन ने तकनीक तो हासिल कर ली थी, मगर जब जरूरत इसके इस्तेमाल की पड़ी तो चीन का तमाशा बन गया.