चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग के अधिकारी उस वक्त हैरान रह गए जब उन्होंने 107 प्लास्टिक की शीशियों वाले पार्सल में विदेशी मकड़ियों को देखा. कस्टम विभाग ने उन मकड़ियों को जब्त कर डाक के जरिए उसे फिर से पोलैंड भेज दिया. बता दें कि उन मकड़ियों को पोलैंड से ही भारत लाया जा रहा था. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं/ getty)
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क आयुक्त के अनुसार, अधिकारियों ने पोलैंड से आए एक डाक पार्सल को यहां के विदेशी डाकघर में जाने से रोका. पार्सल एक अरुपुकोटाई (तमिलनाडु) स्थित व्यक्ति को भेजा गया था.
पार्सल खोलने पर एक थर्मोकोल का डिब्बा मिला जिसमें चांदी की पन्नी और कपास में लिपटे प्लास्टिक की 107 छोटी शीशियां मिलीं. अधिकारी के मुताबिक जांच करने पर प्रत्येक शीशी के अंदर जीवित मकड़ियां मिलीं.
इसके बाद वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) के अधिकारियों और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों को प्रजातियों की पहचान करने के लिए बुलाया गया था.
विदेशी मकड़ियों के परीक्षण के आधार पर उन्हें मकड़ियों के फोनोपेल्मा और ब्राचीपेल्मा प्रजाति के होने का संदेह हुआ जिसे सीआईटीईएस (जंगली जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार) में सूचीबद्ध पाया. इस प्रजाति की मकड़ियां दक्षिण, मध्य अमेरिका और मैक्सिको की मूल निवासी टारेंटुलस के रूप में सूचीबद्ध है.
पशु संगरोध अधिकारियों ने पार्सल में मकड़ियों को मूल देश में निर्वासित करने की सिफारिश की क्योंकि उक्त आयात अवैध पाया और उसके लिए कोई उचित दस्तावेज भी मौजूद नहीं था.
इसके बाद मकड़ियों को जब्त कर लिया गया और मूल देश पोलैंड निर्वासित करने के लिए मकड़ियों वाले पार्सल को डाक अधिकारियों को सौंप दिया गया. इस मामले में आगे की जांच अभी भी जारी है.