इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक हैरतअंगेज मामला बिहार से आया है. यहां एक मासूम बच्चे को घर से डेढ़ सौ गज की दूरी पर पेट काटकर फेंक दिया गया. पेट काटकर फेंकने के बावजूद भी बच्चा जिंदा था. दर्द से रोते बच्चे की आवाज जब ग्रामीणों ने सुनी तो लोग बच्चे के पास पहुंचे. यह मामला मुंगेर जिले के तारापुर थाना क्षेत्र का है.
पहली नजर में आंखों के सामने जो कुछ था वह देखने के बाद लोगों को विश्वास नहीं हो पा रहा था. बच्चे का पेट बीचो-बीच पूरी तरह चीर दिया गया था जिसके कारण बच्चे का लीवर और आंत सब बाहर निकल गया था. इसको देखने के बाद लोग हतप्रभ रह गये.
हालांकि ग्रामीणों की सूझबूझ से स्थानीय थाने को सूचना दी गई. समय रहते मौके पर पुलिस पहुंची और ग्रामीणों की मदद से बच्चे को स्वास्थ्य केंद्र तारापुर लेकर पहुंचे जहां बच्चे के लीवर और बड़ी आंत को अंदर कर सिलाई कर दी गई. बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए मायागंज भागलपुर रेफर किया.
दरअसल, सोनडीहा तांती टोला के कृष्णा तांती पेशे से राज मिस्त्री हैं. वह काम करने के लिए गए हुए थे. घर के अंदर उनकी पत्नी खाना बना रही थी. उनका डेढ़ साल का बच्चा आशीष कुमार घर के बरामदे पर ही खेल रहा था. अचानक बच्चे की आवाज सुनकर लोग दौड़े. बच्चा घर से लगभग डेढ़ सौ गज की दूरी पर बाजरे के खेत में लहूलुहान पड़ा था. उसके पेट को किसी धारदार हथियार से चीर दिया गया था जिससे उसकी बड़ी आंत और लीवर बाहर निकल गए थे.
अचानक इस स्थिति को देखकर लोगों में बच्चा चोर का अफवाह उड़ी परंतु लोगों की सूझबूझ के साथ इस अफवाह को बंद किया गया और बच्चे को तारापुर स्थित अनुमंडल अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन किया.
पुलिस तरह-तरह की चर्चाओं पर गौर करते हुए घटना की छानबीन कर रही है. कोई बच्चा चोर के द्वारा किया गया कृत्य बता रहा है तो कोई आपसी द्वेष या दुश्मनी की बात में घटना को अंजाम देना बता रहे हैं लेकिन बच्चे के माता-पिता किसी के साथ कोई दुश्मनी होने की बात से इनकार कर रहे हैं. उन लोगों के द्वारा बच्चा चोर के संबंध में भी अनभिज्ञता प्रकट की जा रही है.