21वीं सदी में देश में ऐसे कई राज्य हैं, जहां पर बेटी का पैदा होना एक बड़ा बोझ समझा जाता है. समाज और परिवार में मायूसी छा जाती है. कुछ लोग तो बेटी न हो इसके लिए गर्भपात तक करा देते हैं. अगर बेटा हो जाए तो उस परिवार के लोग पूरे मोहल्ले में ढोल-नगाड़ों के साथ मिठाई बांटते हैं.
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(इनपुट- मोहम्मद हनीफ खान)
इन सबके बीच राजस्थान के नागौर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो समाज से लड़के और लड़की के बीच का भेद को खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकती है. एक किसान के घर 35 साल बाद बेटी का जन्म हुआ तो उसने इसका जश्न अनूठे अंदाज में मनाया. नागौर जिले के निंबड़ी चांदावतां गांव में रहने वाले मदनलाल प्रजापत ने अपनी पोती को ननिहाल से लाने के लिए हेलिकॉप्टर किराए पर लिया और अपने गांव लेकर आए.
दादा ने अपनी पोती को घर लाने के लिए 5 लाख में फसल बेची पैसा इक्ट्ठा किया और हेलिकॉप्टर का इंतजाम किया. 35 साल बाद घर पर पैदा हुई पोती को हेलिकॉप्टर से घर लाने के लिए किसान की हर तरफ चर्चा हो रही है. मदनलाल प्रजापत ने बताया कि वो अपनी पोती का स्वागत ऐसा करना चहाते थे जिसे हमेशा याद रखा जाए.
बच्ची के पिता हनुमान ने बताया कि उनकी बच्ची का जन्म तीन मार्च को नागौर के जिला अस्पताल में हुआ था. पत्नी छोटी बच्ची की देखभाल के लिए अपने मायके हरसोलाव गांव चली गई. चांदावता से हरसोलाव की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 40 किलोमीटर की है. जिसे हेलिकॉप्टर से तय करने में 10 मिनट का समय लगा था.
हेलीपैड से लेकर घर तक पूरे रास्ते में फूलों और बैंड-बाजों के साथ नन्ही बच्ची का स्वागत किया गया. परिवार में बेटी के आने से जश्न का माहौल है. लोग दूर-दूर से मदनलाल प्रजापत और उनके बेटे हनुमान प्रजापत को बधाई दे रहे हैं.