वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में धरती का एक दुश्मन खोजा है. पहले यह हमारे नीले ग्रह को नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन अब इसकी गति और दिशा बदल गई है. अब यह धरती की ओर आगे बढ़ रहा है. यह एक एस्टेरॉयड है. वैज्ञानिकों को अनुमान था कि यह धरती के बेहद नजदीक से निकल जाएगा लेकिन अब यह आशंका जताई जा रही है कि धरती से टकरा सकता है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
तीन फुटबॉल मैदान के बराबर आकार का यह एस्टेरॉयड एपोफिस (Apophis) नाम से जाना जाता है. इसे वैज्ञानिकों ने साल 2004 में खोजा था. वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह धरती से टकरा सकता है, हालांकि टकराने की संभावना बेहद कम है लेकिन साइंटिस्ट टक्कर से मना नहीं कर रहे हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने बताया है कि एस्टेरॉयड एपोफिस 1200 फीट चौड़ा है. यह करीब साढ़े तीन फुटबॉल मैदान के आकार के बराबर है. अगर यह इसी गति से धरती की ओर बढ़ता रहा तो यह आज से 48 साल बाद यानी साल 2068 में धरती से टकरा सकता है. आइए जानते हैं कि सुरक्षित कक्षा में घूमते हुए इस एस्टेरॉयड ने अचानक धरती की ओर अपना रुख कैसे कर लिया? (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, होता ये है कि जब अंतरिक्ष में घूमने वाला कोई पत्थर सूरज की गर्मी से अपने रास्ते में थोड़ा बदलाव करता है तो उसे यार्कोवस्की प्रभाव कहते हैं. इस प्रभाव के तहत एस्टेरॉयड की दिशा और गति बदल जाती है. कई बार यह कम हो जाती है. कई बार यह तेज हो जाती है. यह तेजी अंतरिक्ष में उस एस्टेरॉयड की तरफ आने वाली वस्तुओं के लिए खतरनाक होती है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
नासा समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक एस्टेरॉयड एपोफिस के रास्ते, गति और इससे होने वाले नुकसान का आकलन कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि धरती से इसके टकराने का चांस 1.50 लाख में एक बार ही है. लेकिन इसकी सही जानकारी 8-9 सालों बाद ही पता चलेगी जब यह धरती के बेहद नजदीक से निकलेगा. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
साल 2068 से पहले भी यह एस्टेरॉयड धरती के बगल से निकलेगा. नासा की गणना के अनुसार पहले ये भविष्यवाणी की गई थी कि एस्टेरॉयड एपोफिस 13 अप्रैल 2029 को धरती के बगल से निकलेगा. यह उस समय धरती से मात्र 31 हजार किलोमीटर की दूरी से निकल जाएगा. अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं होती. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
अगर एस्टेरॉयड एपोफिस साल 2068 में धरती से टकराता है तो यह बड़ी तबाही ला सकता है. ये भी हो सकता है कि धरती का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से खत्म हो जाए. अगर यह समुद्र में गिरा तो बेहद भयावह सुनामी आ सकती है. अगर यह जमीन से टकराया तो कई देश इसकी चपेट में आ सकते हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)