कोरोना वायरस महामारी ने कई स्तर पर लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया है और इस महामारी के चलते कई लोगों के अदम्य साहस की कहानियां भी सामने आई हैं. ऐसी ही एक कहानी है लंदन के पायलट की भी है जो कोरोना वायरस से पिछले आठ महीनों से जंग लड़ रहा था और आखिरकार आठ महीनों बाद वो इस वायरस को हराने में कामयाब रहा.
लंदन के रहने वाले पायलट निकोलस पिछले साल मार्च में अमेरिका की ट्रिप के लिए गए थे. जब वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो उन्हें यू.टी हेल्थ एंड मेमोरिएल हर्मन अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके हालात इतने खराब थे कि उन्हें वेंटीलेटर की जरूरत पड़ गई थी. एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल पायलट निकोलस साइनोट ने इस बीमारी के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है और उनकी पत्नी हर दिन उनके साथ मजबूती से डटी रहीं.
लोकल रेडियो स्टेशन केटीआरके के साथ बातचीत में निकोलस के डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें रे हो गया था. उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया और फिर इसके बाद उन्हें दिल और फेफड़ों की मशीन पर भी रखा गया था. डॉक्टर्स ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते उनके ज्यादा अंगों पर फर्क पड़ा था लेकिन चूंकि एक पायलट होने के नाते उनकी हेल्थ इतनी अच्छी थी कि वे इन सब परेशानियों से पार पा गए.
उन्होंने आगे कहा- 'ये इतना मुश्किल था कि जब हमें ये एहसास हुआ कि इतने खराब हालातों के बाद भी हम इस शख्स को जिंदा बचाने में कामयाब रहे हैं तो वहां मौजूद स्टाफ काफी राहत महसूस कर रहा था. हम हमेशा ये सवाल कर रहे थे कि क्या ये शख्स बच पाएगा क्योंकि उनके कई अंगों में परेशानी थी. मुझे लगता है कि उनकी पत्नी के साहस ने निकोलस को जीने की हिम्मत दी है.'
वही इस बारे में बात करते हुए निकोलस ने कहा- ये मेरे लिए काफी मुश्किल यात्रा थी लेकिन मुझे लगता है कि मैं अपनी पत्नी के सपोर्ट से और अपने बच्चों के पास जाने के ख्याल ने मुझे मजबूत बनाए रखा. मैं हर रोज अस्पताल की खिड़की से हाउस्टन चिड़ियाघर को देखा करता था और अब ठीक होने के बाद मैं यहां जाना पसंद करूंगा. इसके अलावा मैं अपने दोस्तों से भी मिलने के लिए काफी उत्साहित हूं.