साल 2019 पिछले 140 सालों में दूसरा सबसे गर्म साल रहा है. जबकि पिछला एक दशक मानव इतिहास का सबसे गर्म दशक रहा है. यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र ने. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि विश्व मौसम संगठन (World Meteorogical Organisation) की ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट 2019 के अनुसार साल 2019 पिछले 140 सालों में दूसरा सबसे गर्म साल रहा है. इससे ज्यादा गर्म सिर्फ साल 2016 था. आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में और क्या खुलासे हुए हैं... (फोटोः रायटर्स)
ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट 2019 को तैयार करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और नेशनल ओशियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने मिलकर बनाया है. नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के निदेशन गैविन स्क्मिट ने कहा कि पिछला दशक अब तक के मानव इतिहास का सबसे गर्म दशक रहा है. (फोटोः NOAA)
1880 के बाद से अब तक 10 सबसे गर्म साल
1. 2016 - 0.99 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
2. 2019 - 0.95 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
3. 2015 - 0.93 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
4. 2017 - 0.91 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
5. 2018 - 0.83 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
6. 2014 - 0.74 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
7. 2010 - 0.72 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
8. 2005 - 0.67 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
9. 2013 - 0.67 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
10. 1998 - 0.65 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म
दुनियाभर में आए 145 तूफान, चक्रवात और आफतें
उत्तर-पूर्वी प्रशांत महासागर में 19 तूफान और 7 चक्रवात आए. अटलांटिक महासागर में 18 तूफान और 6 चक्रवात आए. उत्तरी हिंद महासागर में 8 तूफान और 6 चक्रवात आए. दक्षिण हिंद महासागर में 16 तूफान और 13 चक्रवात आए. उत्तर-पश्चिमी प्रशांत महासागर में 25 तूफान और 14 बवंडर आए. दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर में 8 तूफान और 5 चक्रवात आए. (फोटोः एपी)
ऑस्ट्रेलिया में तो लगता है पिछले साल आफत ही आ गई. वर्ष 2019 यहां पर 1910 के बाद से अब तक का सबसे गर्म साल था. यहां के जंगलों में आग लग गई. करोड़ों जानवर मारे गए. अभी तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
2007 से लेकर पिछले साल आर्कटिक में लगातार बर्फ पिघलने की जानकारियां सामने आ रही है. वहां के आइसबर्ग में कई किलोमीटर लंबी दरार भी देखी गई थी. उधर, धरती के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने के मामले सामने आए. यहां सातवीं बार सबसे कम बर्फ देखी गई. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अमेरिकी महाद्वीप के मिसौरी, मिस्सीसिपी, प्लेट और अरकंसास नदियों में मार्च से जुलाई के बीच बाढ़ आई. इसकी वजह से फसलों की बुवाई देरी से हुई. साथ ही साथ अमेरिका के कई इलाकों में पिछले साल सूखा पड़ा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एशिया में तो हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. पिछले 110 सालों में वर्ष 2019 तीसरा सबसे गर्म साल था. इससे पहले 2015 और 2017 में इतनी गर्मी रिकॉर्ड की गई थी. यानी एशियाई देशों में गर्मी का स्तर ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. (फोटोः एपी)
अलास्का में सबसे ज्यादा गर्म साल रिकॉर्ड किया गया. भारी मात्रा में बर्फ पिघलने और आइसबर्ग के टूटने की जानकारी सामने आई. NOAA द्वारा जारी इस चित्र में दुनिया भर में आई आपदाओं के जिक्र किया गया है. (फोटोः NOAA)
उत्तरी अमेरिका का तापमान हर साल की तुलना में साल 2019 ज्यादा था. यह अमेरिका 14वां सबसे गर्म साल था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
यूरोपीय देशों के लिए भी पिछला साल अच्छा नहीं रहा. 2014 के बाद 2019 सबसे ज्यादा गर्म साल रहा. यूरोपीय देशों के लिए यह छठां सबसे गर्म साल था. यहां पिछले साल कई देशों में लू के थपेड़े चले. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वर्ष 2019 में मेक्सिको में जून से लेकर नवंबर तक भयानक गर्मी पड़ी. मेक्सिको के इतिहास में चौथा सबसे गर्म साल था. जबकि, पिछले साल अगस्त का महीना उनके इतिहास के सबसे गर्म महीना था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अफ्रीका महाद्वीप के लिए वर्ष 2019 तीसरा सबसे गर्म साल था. इससे पहले यहां इतनी गर्मी 2010 और 2016 में महसूस की गई. जबकि, 2005 के बाद से अब तक का यह दसवां सबसे ज्यादा गर्म साल था. (फोटोः एपी)
अर्जेंटीनाः इस लैटिन अमेरिकी देश में 1961 के बाद से अब तक साल 2019 सबसे ज्यादा गर्म साल था. जबकि, 2012 के बाद से पांचवां सबसे गर्म साल था. (फोटोः एपी)