सिर्फ राम मंदिर नहीं, वर्ल्ड क्लास सिटी बनेगी पूरी अयोध्या, योगी सरकार ने बनाया ये मास्टर प्लान

अयोध्या अब सिर्फ राम मंदिर तक सीमित नहीं, बल्कि एक वर्ल्ड-क्लास आध्यात्मिक–टेक सिटी के रूप में तैयार हो रही है. यूपी सरकार ने शहर को बदलने के लिए 8 बड़े आयामों वाला नया मॉडल तैयार किया है, जिसमें सब कुछ एक नए स्तर पर ले जाने की कोशिश है.

Advertisement
वर्ल्ड क्लास अयोध्या का विजन (Photo: incredibleindia.gov.in) वर्ल्ड क्लास अयोध्या का विजन (Photo: incredibleindia.gov.in)

समर्थ श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली ,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

अयोध्या अब सिर्फ एक प्राचीन तीर्थस्थल नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विजन 2031 के तहत इसे वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की बड़ी योजना चल रही है. यह योजना अयोध्या की पुरानी गरिमा को बनाए रखते हुए, उसे 21वीं सदी की अत्याधुनिक सुविधाओं से जोड़ने पर आधारित है. यह बड़ा बदलाव आठ प्रमुख आयामों पर केंद्रित है. इन आयामों पर काम होने से अयोध्या एक ऐसे मॉडल शहर के रूप में उभरेगी, जहां विरासत और विकास, दोनों साथ-साथ चलते हैं. 

Advertisement

इसका सीधा असर यह होगा कि जब आप अयोध्या आएंगे, तो आपको बेहतरीन सड़कें, आसान सफर, साफ-सफाई, डिजिटल सुविधाएं और अपनी संस्कृति को महसूस करने का शानदार अनुभव मिलेगा. आइए, समझते हैं कि ये आठ पहलू अयोध्या की तस्वीर को कैसे बदल रहे हैं.

पहला आयाम

अयोध्या पहुंचने का सफर अब पहले से कहीं ज्यादा आरामदायक हो गया है. लगभग 821 एकड़ में फैला महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब बड़े विमानों के संचालन के लिए तैयार है. वहीं, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर इसे 6 प्लेटफॉर्म और लगभग 50,000 यात्रियों की क्षमता वाले आधुनिक टर्मिनल में बदल दिया गया है, जहां प्रीमियम ट्रेनें भी रुक रही हैं. इतना ही नहीं शहर के भीतर, राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ जैसी परियोजनाओं ने सड़कों को चौड़ा कर दिया है और इन्हें रामायण प्रसंगों से सजे वॉल म्यूरल और विंटेज लाइटिंग के साथ और भी ज्यादा अनुभवात्मक बना दिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: अयोध्या में भव्य ध्वजारोहण, रामनगरी कैसे पहुंचे और कहां ठहरें? पूरी ट्रैवल गाइड

दूसरा आयाम

अयोध्या अब हाई-टेक बन रही है. 133 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान 2031 तैयार है और भवन नक्शा पासिंग प्रणाली को ऑनलाइन किया जा रहा है. इस स्मार्ट सिटी योजना के तहत 22 प्रमुख चौराहों पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं हनुमानगढ़ी और रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख स्थानों पर वाईफाई जोन बनाया जा रहा है. इसके अलावा, एआर/वीआर आधारित 3डी मेटावर्स के जरिए वर्चुअल रामायण कथा और अयोध्या दर्शन की पहल यह संकेत देती है कि यह पारंपरिक तीर्थ भी अब आधुनिक तकनीक को अपना रहा है.

तीसरा आयाम

शहर में साफ-सफाई और पर्यावरण पर खास ध्यान है. सरयू नदी में गंदा पानी न जाए, इसके लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की क्षमता बढ़ाई जा रही है. इतना ही नहीं शहर की 181 गलियों में अच्छी पानी की निकासी और सड़क बनाने का काम पूरा हो गया है. इसके अलावा, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पुराने श्मशान घाटों के साथ-साथ बिजली से चलने वाले (इलेक्ट्रिक) और ग्रीन क्रिमेशन चैंबर भी बनाए जा रहे हैं.

चौथा आयाम

अयोध्या को हर कोने से सुंदर बनाया जा रहा है. गुप्तार घाट को एक नए टूरिस्ट स्पॉट की तरह विकसित किया गया है, जहां पानी में खेलकूद (वॉटर स्पोर्ट्स) और घूमने-फिरने की सुविधाएं होंगी. इसके अलावा राम की पैड़ी और नयाघाट को पत्थरों की सुंदर छतरियों के साथ संवारा गया है. दशरथ महल और सूर्यकुंड जैसे 75 स्थलों पर रात में खूबसूरत दिखने वाली फसाड लाइटिंग की गई है. साथ ही, शहर भर में बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे और मियावाकी वन लगाए गए हैं.

Advertisement

पांचवां आयाम

सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विकास की दौड़ में रामनगरी की पुरानी संस्कृति और विरासत पीछे न छूट जाए. इसके लिए श्रीराम हेरिटेज वॉक के तहत सड़कों की 81 दीवारों पर 162 बड़े-बड़े चित्र बनाए गए हैं, जिन्हें देखकर आपको चलते-फिरते रामकथा की कहानियां जानने को मिलती रहेंगी. वहीं धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को संवारा जा रहा है, जबकि धर्म पथ पर शानदार और भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है. इतना ही नहीं अयोध्या शोध संस्थान को अब बहुत बड़ा और आधुनिक बनाया जा रहा है ताकि वह अंतरराष्ट्रीय रामायण और वैदिक शोध संस्थान बन सके, यानी अयोध्या दुनिया में संस्कृति और रिसर्च का एक बड़ा केंद्र बन जाएगी.

यह भी पढ़ें: 'जो ध्वज कभी अयोध्या में फहराता था, आज फिर से अपनी आंखों से देखा', राम मंदिर ध्वजारोहण पर बोले मोहन भागवत

छठा आयाम

सरकार, करोड़ों तीर्थयात्रियों की धार्मिक यात्रा को आसान और सुखद बनाने पर जोर दे रही है. इस योजना के तहत पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमा मार्गों पर जगह-जगह 24 प्रमुख स्थानों पर भक्तों के लिए आराम घर, शौचालय, पीने का पानी और खाने-पीने की दुकानें बनाई जा रही हैं. यही नहीं 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को नेशनल हाईवे घोषित करके पक्का और मजबूत बनाया गया है. इसके अलावा, दशरथ समाधि स्थल, भरतकुंड जैसे 8 प्रमुख कुंडों को संवारा जा रहा है.

Advertisement

सातवां आयाम

शहर को आर्थिक और ढांचागत सुविधाओं के लिए तैयार किया जा रहा है. अरुंधति पार्किंग–व्यावसायिक संकुल में 240 कार पार्किंग के साथ-साथ 180 बेड की डॉरमेट्री, दुकानें और फूड कोर्ट बनाए गए हैं. इसके अलावा, 49 विद्यालयों का नवीनीकरण और आईटीआई की स्थापना करके युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है.

आठवां आयाम

स्थानीय लोगों और लाखों भक्तों की सेहत की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है. जिसके चलते राजर्षि दशरथ स्वशासी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है. इसके अलावा, 100 बेड और 50 बेड वाले नए अस्पताल भी बनाए जा रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ लाखों श्रद्धालुओं को भी इमरजेंसी में तुरंत अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement