किले, मंदिर, रोमांच...सिर्फ एक वीकेंड में घूम लीजिए यूपी-एमपी के ये डेस्टिनेशन

झांसी से निकलकर यूपी और एमपी की सीमाओं पर वीकेंड ट्रिप के लिए कई शानदार डेस्टिनेशन मौजूद हैं. कुल मिलाकर, एक ही सफर में इतिहास, संस्कृति और रोमांच सब कुछ मिल जाता है.

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 इतिहास, संस्कृति और नेचर का मेल (Photo- Getty Image) इतिहास, संस्कृति और नेचर का मेल (Photo- Getty Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

किले हों, मंदिर हों या रोमांचक जगहें, यूपी और एमपी की कई डेस्टिनेशन वीकेंड ट्रिप के लिए एकदम परफेक्ट हैं. झांसी से शुरू होने वाला सफर आपको ओरछा के किले और मंदिरों तक ले जाएगा, ग्वालियर के महलों से रूबरू कराएगा और बेतवा नदी पर रिवर राफ्टिंग का मज़ा भी देगा. इतना ही नहीं झांसी से कुछ ही दूरी पर स्थित बरुआ सागर ताल अपनी ऐतिहासिक झील और शानदार नजारों के लिए खास है. वहीं ललितपुर और नौगांव जैसे शहर शांति और खूबसूरती से भरपूर हैं. यानी एक ही वीकेंड में इतिहास, संस्कृति और रोमांच सब कुछ एक साथ मिल जाता है.

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ओरछा, मध्य प्रदेश 

झांसी से सिर्फ 18 किमी दूर मध्य प्रदेश का ओरछा नगर ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. यहां राजा महल, लक्ष्मी नारायण मंदिर और श्री राम राजा मंदिर जैसी शानदार इमारतें हैं. इतना ही नहीं ओरछा का पक्षी अभयारण्य और बेतवा नदी पर रिवर राफ्टिंग एडवेंचर प्रेमियों के लिए मजेदार अनुभव देते हैं. छोटा सा शहर होने के बावजूद ओरछा अपने शानदार किले और मंदिरों के कारण हर साल सैलानियों को आकर्षित करता है.

ओरछा का किला इतिहास और रोमांच का संगम (Photo-Pixabay)

नौगांव, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित नौगांव झांसी से 105 किमी दूर है. यह शहर खजुराहो के पास स्थित होने के कारण भी लोकप्रिय है. नौगांव को पहले 36 रियासतों की राजधानी माना जाता था. इसके अलावा यहां का 1008 मुखी शिव मंदिर और धुबेला संग्रहालय विशेष रूप से देखने योग्य हैं. नौगांव की प्राकृतिक सुंदरता इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प बनाती है.

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1008 मुखी शिव मंदिर- प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo-Pixabay)

ग्वालियर, मध्य प्रदेश

झांसी से करीब 101 किमी दूर ग्वालियर मध्य प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहां का ग्वालियर फोर्ट, गुजरी महल, सास बहू मंदिर, जय विलास पैलेस और तानसेन स्मारक पर्यटकों को इतिहास और वास्तुकला की गहराई में ले जाते हैं. खास बात यह है कि इस शहर का दौरा एक दिन में आराम से किया जा सकता है. इतना ही नहीं यह यात्रा इतिहास के साथ-साथ शहर की सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव कराती है.

किले की भव्यता का अनोखा नजारा ( Photo-incredibleindia.gov.in)


ललितपुर, उत्तर प्रदेश

झांसी से लगभग 96 किमी दूर ललितपुर उत्तर प्रदेश के जिला बुंदेलखंड का हिस्सा है. यह जगह इतिहास और संस्कृति का अनोखा मिश्रण पेश करती है. यहां का तालबेहट फोर्ट खासा चर्चित है, जो अपनी रहस्यमयी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा देवगढ़, नीलकंठेश्वर त्रिमूर्ति मंदिर, रणछोरजी और माताटीला बांध जैसी जगहें भी ट्रैवलर्स को रोमांच और शांति दोनों का अनुभव देती हैं. इनता ही नहीं ललितपुर अपनी बुनकर सिल्क साड़ियों के लिए भी मशहूर है, जो यहां की संस्कृति की झलक देती हैं.

तालबेहट किला की रहस्यमयी कहानियां (Photo- bundelkhand-in)

बरुआ सागर ताल, उत्तर प्रदेश

बरुआ सागर ताल झांसी से लगभग 34 किलोमीटर दूर स्थित है. 260 साल पुरानी यह झील बरुआ सागर शहर का मुख्य आकर्षण है. इतना ही नहीं यह जगह इतिहास की कई बड़ी लड़ाइयों की गवाह रही है, जिनमें पेशवा की सेना और बुंदेलों के बीच हुई जंग भी शामिल है. झील के किनारे बना तटबंध ओरछा के राजा उदित सिंह ने बनवाया था. यह न सिर्फ ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि यहां से पूरे शहर का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलता है, जो सैलानियों को बेहद पसंद आता है.

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260 साल पुरानी ऐतिहासिक झील (Photo-bundelkhand-in)

 

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