इंडिगो एयरलाइंस संकट ने अब केवल यात्रियों को ही नहीं, बल्कि देश के टूरिज्म सेक्टर को भी चिंता में डाल दिया है. छुट्टियों का पीक सीजन और नए साल के जश्न की तैयारियों के बीच, उड़ानें रद्द होने और किराए में मनमाने उछाल के डर से कई यात्री अपनी छुट्टियों की बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं. इस संकट का सबसे ज्यादा असर गोवा के समुद्र तटों और राजस्थान के शाही शहरों पर दिख रहा है, जहां न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं.
दिसंबर का महीना आते ही जयपुर, उदयपुर और जोधपुर में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है. क्योंकि यह राजस्थान का सबसे बड़ा टूरिज्म सीजन होता है, जिसमें लोग क्रिसमस और नए साल मनाने के लिए आते हैं. लेकिन इस बार इंडिगो एयरलाइन के बड़े संकट ने सब कुछ प्रभावित कर दिया है. पिछले सात दिनों से देशभर में इंडिगो की कई उड़ानें रद्द हो रही हैं और कई उड़ानें देर से चल रही हैं.
पीक सीजन पर ब्लैकआउट का साया
राजस्थान का असली टूरिस्ट सीजन 10 दिसंबर से शुरू होकर 5 जनवरी तक चलता है. यह वह समय है जब देश और विदेश से लाखों पर्यटक यहां के किलों, महलों और रेगिस्तानी नजारों का मजा लेने आते हैं. लेकिन इंडिगो का संकट, जिसने भारत के एविएशन इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करने का रिकॉर्ड बना दिया है, ठीक इसी महत्वपूर्ण समय पर आया है. यह नुकसान सिर्फ उन यात्रियों तक सीमित नहीं है जिनकी फ्लाइट कैंसिल हुई है. असली झटका यह है कि जिन पर्यटकों ने क्रिसमस और नए साल के लिए अपनी यात्राएं पहले से बुक कर रखी थीं, वे अब घबराहट में बुकिंग रद्द कर रहे हैं. उड़ानें अस्थिर होने और वैकल्पिक फ्लाइट्स का किराया आसमान छूने की वजह से पर्यटकों का पूरा प्लान गड़बड़ा गया है.
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होटलों और गाइड्स पर सीधा वार
इंडिगो के संकट ने जयपुर, उदयपुर और जोधपुर में होटल मालिकों की नींद उड़ा दी है. होटलों में, खासकर वीकेंड पर आने वाले और कम समय के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों की कैंसिलेशन सामान्य से ज़्यादा हो गई है. दरअसल, यात्रियों को यह डर सता रहा है कि अगर यह संकट जारी रहा, तो उनकी पूरी बुकिंग बेकार हो जाएगी. इसलिए, एक तरफ तो नई बुकिंग बिल्कुल बंद हो गई है और दूसरी तरफ पुरानी बुकिंग रद्द हो रही हैं. सिर्फ होटल ही नहीं, स्थानीय परिवहन (टैक्सी) चलाने वाले और पर्यटक गाइड भी मांग में अचानक गिरावट देख रहे हैं. जिस समय उनकी सबसे अच्छी कमाई होती थी, उसी समय इस अप्रत्याशित बाधा ने उनका काम रोक दिया है.
इंडस्ट्री को क्यों लगा बड़ा झटका?
राजस्थान अपने किलों, महलों, रेगिस्तानी परिदृश्यों और लोक परंपराओं के लिए जाना जाता है. राज्य के लिए पर्यटन सिर्फ एक आकर्षण नहीं है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था की एक मजबूत रीढ़ है. पर्यटन राजस्थान के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में लगभग 12 प्रतिशत का योगदान देता है, जो राष्ट्रीय औसत 5 प्रतिशत से अधिक है. पिछले साल राजस्थान में 23 करोड़ से ज्यादा घरेलू और 20 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक आए थे. 'डेस्टिनेशन राजस्थान' जैसे अभियानों से राज्य की पहचान और मजबूत हुई थी. लेकिन इंडिगो संकट ने इस गति पर अचानक ब्रेक लगा दिया है. पीक सीजन में इतना बड़ा नुकसान झेलने का मतलब है कि पूरे टूरिज्म इंडस्ट्री की कमाई को एक बड़ा झटका लगना तय है.
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इंडिगो ने क्यों फंसाया लाखों यात्रियों को?
इंडिगो एयरलाइन को सरकार और यात्रियों दोनों की आलोचना झेलनी पड़ रही है. इस पर कंपनी का कहना है कि यह संकट पायलटों की उड़ान ड्यूटी के नए नियम और रेगुलेटरी बदलावों के कारण आया है. शुरुआत में कंपनी ने इतने बड़े कैंसिलेशन को स्वीकार करने से इनकार किया था. लेकिन शुक्रवार, 5 दिसंबर को एक दिन में 1,600 उड़ानें रद्द होने का रिकॉर्ड सामने आया . इतना ही नहीं आज ही 500 से अधिक उड़ानें और कैंसिल की गई हैं. चाहे नियामक के नए नियम जो भी हों, इस वजह से लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हैं और देश के सबसे बड़े टूरिस्ट सीजन पर असर पड़ा है.
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