साल 2025 विदा हो रहा है और 2026 अपनी दहलीज पर दस्तक दे रहा है. लेकिन इस विदाई और स्वागत के बीच जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो हैरान करने वाली है. कश्मीर की बर्फीली चोटियों से लेकर अयोध्या की गलियों और दार्जिलिंग की पहाड़ियों तक, हर तरफ बस एक ही शोर है नए साल का जश्न. आलम यह है कि देश के तमाम बड़े पर्यटन स्थल और धार्मिक केंद्र 'हाउसफुल' हो चुके हैं. सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें हैं और मंदिरों में भक्तों की लंबी लाइनें, जिसे देख प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं.
यह महज छुट्टियों का सीजन नहीं है, बल्कि यह बदलते भारत की उस तस्वीर का प्रमाण है जहां लोग अब घरों में कैद रहकर नहीं, बल्कि दुनिया देख कर नए साल का आगाज करना चाहते हैं. चाहे वो राजस्थान की गुनगुनी धूप हो या पहाड़ों पर गिरने वाली सफेद बर्फ, हर जगह पर्यटकों ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. कहीं वीआईपी दर्शन पर रोक लगी है तो कहीं ट्रैफिक डायवर्जन ने शहर की रफ्तार बदल दी है. जानते हैं कि आपके पसंदीदा शहरों में इस समय क्या माहौल है और 2026 के स्वागत के लिए लोग किस कदर सैर पर निकल पड़े हैं.
जयपुर में सैलानियों भीड़
गुलाबी नगरी जयपुर, जो इन दिनों सैलानियों से पूरी तरह भरी हुई है. कड़ाके की ठंड के बीच यहां की हल्की और प्यारी धूप लोगों को खूब पसंद आ रही है. आलम ये है कि आमेर फोर्ट, हवामहल और जलमहल जैसी जगहों पर पैर रखने की भी जगह नहीं बची है. पिछले रविवार को यहां सैलानियों की गिनती 1 लाख के पार चली गई, जिसने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. उदयपुर और जैसलमेर का भी यही हाल है, वहां होटल पूरी तरह फुल हैं और भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने घूमने वाली जगहों के खुलने का समय बढ़ा दिया है.
काशी में 2 दिन पहले ही लग गया जाम
काशी में राजस्थान की धूप से निकलकर अब जरा शिव की नगरी काशी की गलियों में चलिए, जहां ऐसा लग रहा है मानो पूरा देश ही सिमट आया हो. घाटों से लेकर गलियों तक, हर तरफ बस लोगों का रेला है. काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए अभी से इतनी लंबी लाइनें लग रही हैं कि मंदिर प्रशासन को वीआईपी दर्शन पर पूरी तरह रोक लगानी पड़ी है. हर दिन यहां करीब 4 लाख लोग पहुंच रहे हैं और उम्मीद है कि 1 जनवरी को यह संख्या नया इतिहास रचेगी. सड़कों पर गाड़ियों का ऐसा दबाव है कि प्रशासन ने कई रास्तों को 'नो व्हीकल जोन' घोषित कर दिया है.
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रामलला की नगरी अयोध्या में लंबी कतारें
काशी से कुछ ही दूरी पर अयोध्या का नजारा भी कुछ ऐसा ही है. राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यह पहली बार है जब अयोध्या नए साल पर देश का सबसे बड़ा 'हॉटस्पॉट' बना है. सरयू स्नान से लेकर हनुमानगढ़ी तक सुबह तड़के ही मीलों लंबी लाइनें लग रही हैं. अगर आप सुकून से दर्शन की सोच रहे हैं, तो फिलहाल यह मुमकिन नहीं है. भीड़ इतनी है कि कई बार सुरक्षा के लिए मुख्य रास्ते बंद करने पड़ रहे हैं.
बांके बिहारी के दर्शन के लिए 'अग्निपरीक्षा'
ब्रज की भूमि भी भक्तों से सराबोर है. अगर आप बांके बिहारी जी के दर्शन का मन बना रहे हैं, तो जरा संभलकर. क्योंकि, मंदिर प्रशासन ने पहले ही हाथ जोड़कर अपील कर दी है कि 5 जनवरी तक यहां बहुत ज्यादा भीड़ रहने वाली है, इसलिए हो सके तो अपनी यात्रा टाल दें. वृंदावन की संकरी गलियों में अभी से इतना दबाव है कि पैदल चलना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
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कश्मीर की वादियों में 'व्हाइट न्यू ईयर' का इंतजार
कश्मीर इस समय उत्सव के माहौल में डूबा है. गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम के लगभग सभी होटल और होमस्टे पूरी तरह बुक हैं. पर्यटकों की सबसे बड़ी उम्मीद 'स्नोफॉल' है. मौसम विभाग ने भी भविष्यवाणी की है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बर्फबारी हो सकती है. इसी उम्मीद में सैलानियों ने डल झील में शिकारा और गोंडोला सवारी के लिए लंबी लाइनें लगा रखी हैं.
मनाली में बर्फ की आस में भीड़
हिमाचल का मनाली इस समय पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है. हालांकि ताजी बर्फबारी का इंतजार है, लेकिन पुरानी बर्फ को देखने के लिए ही रोहतांग हाईवे गुलजार है. मुंबई, दिल्ली और हरियाणा से भारी संख्या में लोग यहां पहुंचे हैं. पर्यटकों का कहना है कि ठंड और मस्ती का जो मेल यहां है, वो कहीं और नहीं. सबकी निगाहें अब आसमान पर हैं कि कब कुदरत मेहरबान हो और बर्फ गिरे.
शिमला में होटल हाउसफुल
शिमला और आसपास के इलाकों में नए साल की भीड़ का असर साफ़ दिख रहा है. होटलों की ऑक्यूपेंसी लगभग 100 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. कुफरी समेत कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है. हालात को संभालने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और पार्किंग के लिए अस्थायी व्यवस्थाएं की गई हैं. वहीं, 31 दिसंबर को बर्फबारी की संभावना ने पर्यटकों का उत्साह और बढ़ा दिया है.
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दार्जिलिंग की पहाड़ियों में पर्यटकों का जबरदस्त क्रेज
पूरब की ओर चलें तो दार्जिलिंग में भी नए साल का जोश सातवें आसमान पर है. सैंडकफू और दार्जिलिंग के अधिकांश होमस्टे जनवरी के पहले हफ्ते तक पूरी तरह बुक हो चुके हैं. गिरते तापमान और बर्फबारी के पूर्वानुमान ने यहां की रौनक को और बढ़ा दिया है. ठंड बढ़ने और बर्फबारी की संभावना के चलते आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.
सोमनाथ में आस्था के साथ नया साल
गुजरात के सोमनाथ मंदिर में नए साल पर भक्तों की भारी आवक देखी जा रही है. लोग साल की शुरुआत महादेव के आशीर्वाद से करना चाहते हैं. ऐसे में प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए विशेष बैरिकेडिंग और दर्शन की व्यवस्था की है. छुट्टियों की वजह से यहां श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों की संख्या भी काफी अधिक है.
शिरडी में साईं के दर पर 'सबका मालिक एक' की गूंज
महाराष्ट्र के शिरडी से जो तस्वीरें आ रही हैं, वो श्रद्धा और विश्वास की कहानी कह रही हैं. साईं बाबा के दरबार में नए साल का स्वागत करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है. 'सबका मालिक एक' का संदेश देने वाले साईं के प्रति लोगों का ऐसा अटूट विश्वास है कि भक्त सात समंदर पार से भी यहां खिंचे चले आते हैं. आम दिनों में जहां 50-60 हजार लोग आते हैं, वहीं नए साल पर यह संख्या 3 लाख को पार करने वाली है.
देवघर की आस्था और बाबा बैद्यनाथ का आशीर्वाद
अंत में बात झारखंड के देवघर की, जहां की फिजाओं में 'बोल बम' का जयकारा गूंज रहा है. विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर में नए साल के लिए अभी से भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक इस पावन धाम में लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में मंदिर प्रबंधन ने भीड़ को संभालने के लिए खास रूट चार्ट तैयार किया है ताकि दूर-दराज से आए भक्तों को बाबा के दर्शन आराम से मिल सकें.
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