फ्लाइट छूट गई तो क्या डूब जाता है आपका पैसा? जानें रिफंड पाने का तरीका

फ़्लाइट छूट जाने पर अक्सर मन में सबसे पहला सवाल आता है कि क्या हमारे पैसे डूब गए? अधिकतर यात्री यही मानते हैं कि अगर उड़ान छूट गई तो टिकट की पूरी रकम बर्बाद हो जाती है. लेकिन, यह हमेशा सच नहीं होता.

Advertisement
धानिक शुल्कों की वापसी के लिए DGCA के नियम मददगार (photo: Pixabay) धानिक शुल्कों की वापसी के लिए DGCA के नियम मददगार (photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:56 AM IST

अक्सर ऐसा होता है कि हम फ्लाइट पकड़ने की जल्दी में होते हैं, एयरपोर्ट पर भागते हैं, लेकिन गेट पर पहुंचते ही पता चलता है कि हमारी फ्लाइट छूट गई है. ऐसे में मन में सबसे पहला सवाल आता है कि क्या हमारे पैसे डूब गए? अधिकतर यात्री यही मानते हैं कि उड़ान छूटने के बाद टिकट की पूरी रकम बर्बाद हो जाती है, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता. भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के कुछ नियम हैं जिनके तहत आप कुछ हद तक रिफंड पाने का हकदार हो सकते हैं.

Advertisement

एयरलाइंस की भाषा में कहें तो जब कोई यात्री बिना बताए अपनी उड़ान पर नहीं आता, तो उसे 'नो-शो' कहा जाता है. ज्यादातर मामलों में, ऐसी स्थिति में टिकट का मूल किराया वापस नहीं मिलता. लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आपको कोई भी पैसा वापस नहीं मिलेगा. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के कुछ नियम है, जिसके मुताबिक, आप अपनी छूटी हुई उड़ान के लिए रिफंड का दावा कर सकते हैं.

क्या है 'नो-शो' नियम?

'नो-शो' तब होता है जब कोई यात्री अपनी उड़ान रद्द या पुनर्निर्धारित किए बिना उसमें सवार नहीं होता. हालांकि, ज्यादातर एयरलाइंस नो-शो से बचने के लिए उड़ान से कुछ घंटे पहले टिकट रद्द करने की सलाह देती हैं. इस स्थिति में, टिकट का मूल किराया एयरलाइन के पास चला जाता है, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियम के मुताबिक, कुछ वैधानिक शुल्क वापस किए जा सकते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: वीज़ा के लिए फर्जी होटल बुकिंग! शॉर्टकट कर देगा हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट

वैधानिक शुल्क क्या हैं?

वैधानिक शुल्क वे शुल्क होते हैं जो सरकार या एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा लगाया जाता है. इनमें मुख्य रूप से यात्री सेवा शुल्क, हवाई अड्डा विकास शुल्क और ईंधन अधिभार (Fuel Surcharge) शामिल हैं. इसके लिए यह समझना जरूरी है कि भले ही आप अपनी उड़ान का उपयोग न करें, ये शुल्क उन सेवाओं के लिए लगाए गए थे जिन्हें आप इस्तेमाल करने वाले थे. इसलिए, आप इन शुल्कों की वापसी का दावा कर सकते हैं.

रिफंड पाने के लिए क्या करें?

DGCA के नियमों के अनुसार, टिकट दो हिस्सों में बंटा होता है.

आधार किराया (Base Fare): यह वह राशि है जो सीधे एयरलाइन को जाती है और उड़ान छूटने पर आमतौर पर वापस नहीं की जाती.

कर एवं शुल्क (Taxes and Fees): ये शुल्क सरकार द्वारा लगाए जाते हैं और यात्री द्वारा उनका उपयोग न किए जाने पर वापस किए जाने योग्य होते हैं.

अगर आपकी फ्लाइट छूट गई है, तो आपको तुरंत अपनी एयरलाइन से संपर्क करना चाहिए और वैधानिक शुल्कों के रिफंड के लिए आवेदन करना चाहिए. यह भी याद रखें कि उड़ान के रवाना होने से कुछ मिनट पहले भी टिकट रद्द करना 'नो-शो' से बेहतर माना जाता है, क्योंकि इससे आपको कुछ पैसे वापस मिल सकते हैं.

Advertisement

रिफंड की राशि आपके टिकट के मार्ग और श्रेणी पर निर्भर करती है और यह कुछ सौ से लेकर कुछ हजार रुपये तक हो सकती है. इसलिए, अगली बार जब आपकी उड़ान छूट जाए, तो निराश न हों, बल्कि तुरंत रिफंड के लिए क्लेम करें.

यह भी पढ़ें: यहां पति-पत्नी का साथ जाना मना है.. नवरात्रि में करें इन 5 रहस्यमय मंदिरों के दर्शन

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement