Chhath Puja 2025: भारत से दूर, पर आस्था उतनी ही गहरी... जानें- विदेशों में कैसे मनाया जाता है बिहार का यह पर्व

छठ पूजा अब सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि प्रवासी भारतीयों की पहचान बन चुकी है. भारत से हजारों मील दूर, लोग बर्फीली हवाओं और झीलों के किनारे ‘छठी मईया’ का अर्घ्य देते हैं. जानिए, कैसे विदेशों में बसे भारतीय इस आस्था और परंपरा को आज भी उतने ही अनुशासन और श्रद्धा से निभा रहे हैं.

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अमेरिका में कुछ इस अंदाज में लोग मनाते हैं छठ पूजा (Photo: ITG) अमेरिका में कुछ इस अंदाज में लोग मनाते हैं छठ पूजा (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST

Chhath Puja 2025: छठ पूजा, जो मूल रूप से सूर्य देव की उपासना का एक प्रसिद्ध महापर्व है, जो अब अपनी भौगोलिक सीमाओं का विस्तार कर चुका है. यह त्यौहार सिर्फ बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में बसे भारतीय समुदाय द्वारा बड़े उत्साह और अनुशासन के साथ मनाया जाता है. व्रतियों द्वारा उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसके माध्यम से वे अपने परिवार की खुशहाली और बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं. यह पर्व अब प्रवासी भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान का एक मजबूत प्रतीक बन गया है. 

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यदि आप एक ऐसे यात्री हैं जो किसी स्थान की सांस्कृतिक गहराई और सामुदायिक भावना का अनुभव करना चाहते हैं, तो छठ पूजा के दौरान इन विदेशी स्थलों का दौरा करना एक बेहतरीन अवसर हो सकता है. यह पर्व दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में एक जीवंत सांस्कृतिक आयोजन का रूप ले लेता है, जहां पारंपरिक भारतीय पूजा विधियां आधुनिक विदेशी परिवेश से मिलती हैं. जानिए, मॉरीशस के समुद्र तटों से लेकर कनाडा के ठंडे शहरों तक, छठ पूजा का यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव कैसा नज़ारा पेश करता है.

मॉरीशस

भारत के साथ गहरे ऐतिहासिक संबंध रखने वाला मॉरीशस, छठ पूजा के दौरान सबसे ज़्यादा आकर्षक जगह बन जाता है. यहां भोजपुरी बोलने वाली बड़ी आबादी है, जिसके कारण यह पर्व उनके धार्मिक जीवन का केंद्र बन चुका है. इतना ही नहीं, मॉरीशस सरकार इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित करती है. इसके अलावा छठ के पावन अवसर पर, द्वीप राष्ट्र के सुंदर समुद्र तट और नदियां अर्घ्य देने के मुख्य स्थल बन जाते हैं. यही नहीं यहां के सूर्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की चहल-पहल रहती है, जो हर आने वाले को भारत की याद दिला देती है.

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सिंगापुर

सिंगापुर में छठ पर्व बड़े ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग पूजा और प्रसाद की तैयारी के लिए एक साथ आते हैं. भले ही यहां का माहौल भारत से अलग और आधुनिक हो, लेकिन इस अवसर पर की जाने वाली पूजाएं और परंपराएं पूरी तरह से भारत जैसी ही होती हैं. जो कि सिंगापुर की सांस्कृतिक विविधता को देखने और महसूस करने का एक बेहतरीन अवसर है.

नेपाल

अगर आप नेपाल घूमने जा रहे हैं, खासकर तराई क्षेत्र में, तो छठ पूजा के दौरान यहां की यात्रा एक अद्भुत अनुभव दे सकती है. क्योंकि नेपाल में मनाई जाने वाली परंपराएं भारत से पूरी तरह मिलती-जुलती हैं. यहां भी श्रद्धालु स्थानीय तालाबों, नदियों और झीलों में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए इकट्ठा होते हैं. यही कारण है कि यह पर्व दोनों देशों की साझा विरासत को दर्शाता है और नेपाल में यह एक पवित्र और महत्वपूर्ण आयोजन माना जाता है.

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कनाडा

कनाडा में रहने वाले भारतीय, खासकर टोरंटो, वैंकूवर और मॉन्ट्रियल जैसे शहरों में, कड़ाके की ठंड के बावजूद छठ मईया की पूजा पूरे रीति-रिवाज से करते हैं. यहां कृत्रिम घाट और तालाब बनाए जाते हैं ताकि लोग सूर्य को अर्घ्य दे सकें. इतना ही नहीं बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, सब पारंपरिक वस्त्र पहनकर इस पर्व में शामिल होते हैं. यहां खास बात यह है कि बर्फीली हवाओं के बीच भी 'छठी मईया' के गीतों की गर्माहट हर दिल को छू जाती है. 

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संयुक्त राज्य अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका में छठ पूजा अब एक बड़ा सामुदायिक उत्सव बन चुकी है. न्यूयॉर्क, शिकागो, न्यू जर्सी और सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों में भारतीय प्रवासी मंदिरों और सांस्कृतिक संगठनों के माध्यम से यह पर्व धूमधाम से मनाते हैं. यहां अर्घ्य देने के लिए कहीं झीलों के किनारे पूजा की जाती है, तो कहीं हवा से भरे कुंडों (टब) या कृत्रिम जलाशयों में जल भरकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है. प्राकृतिक जलस्रोत दूर होने के कारण, समुदाय के लोग इस तरह के नए और रचनात्मक तरीके अपनाकर अपनी पुरानी परंपराओं को जीवंत बनाए रखते हैं.

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