जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से तबाही की एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां पाडर इलाके के चशोटी गांव में बादल फटने से कई लोगों की मौत हो गई और कई लापता बताए जा रहे हैं. यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए वहां मौजूद थे. बादल फटने की घटना यात्रा के पहले पड़ाव पर हुई, जिससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया. मंदिर के बाहर लंगर के लिए लगे कई टेंट पानी की तेज धार में बह गए, और देखते ही देखते पूरी सड़क भी इस त्रासदी में बह गई.
जम्मू और कश्मीर का किश्तवाड़, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. यह जगह उन लोगों के लिए एक जन्नत है जो शांति, रोमांच और आध्यात्मिकता की तलाश में हैं. किश्तवाड़ को अक्सर 'केसर का शहर' कहा जाता है.
इसकी विशाल घाटियां, ऊंचे-ऊंचे पहाड़, हरे-भरे जंगल और बहती हुई नदियां इसे और खूबसूरत बनाती हैं. चिनाब नदी की गर्जना और चीड़ के पेड़ों की खुशबू इस जगह को और भी मनमोहक बनाती है.
किश्तवाड़ के पहाड़ एडवेंचर के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन जगह हैं. यहां की घाटियां, जैसे पदर घाटी, दुनिया की सबसे खूबसूरत घाटियों में से एक मानी जाती हैं. इन घाटियों में ट्रेकिंग और कैंपिंग का एक अलग ही अनुभव होता है. चिनाब नदी, जो किश्तवाड़ से होकर बहती है, इस क्षेत्र की जीवन रेखा है. यहां कई छोटे-बड़े झरने भी हैं, जो बारिश के मौसम में और भी खूबसूरत लगते हैं. वहीं किश्तवाड़ के जंगल वनस्पतियों और जीव-जंतुओं से भरे हैं. यहां कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी और जानवर पाए जाते हैं, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खास अनुभव है.
किश्तवाड़ का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र मचैल माता मंदिर है. यह मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है और यह एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है. हर साल, हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं. इस मंदिर की स्थापना से जुड़ी एक कहानी है कि 1980 के दशक में, ठाकुर कुलवीर सिंह ने सपने में माता के दर्शन किए थे, जिन्होंने उन्हें मचैल गांव में अपनी मूर्ति स्थापित करने का आदेश दिया. तब से, यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन गया.
मचैल माता मंदिर की यात्रा, जिसे 'मचैल माता यात्रा' भी कहा जाता है, बहुत ही कठिन और रोमांचक होती है. यह यात्रा किश्तवाड़ से शुरू होती है और भक्तों को पैदल ही मचैल गांव तक जाना पड़ता है. यह यात्रा भक्तों की शारीरिक और मानसिक शक्ति की परीक्षा लेती है, लेकिन माता के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा उन्हें आगे बढ़ाती है. मचैल माता मंदिर के आसपास का पूरा इलाका एक अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ है. यहां आने वाले भक्तों को मन की शांति और सुकून मिलता है.
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