क्या आपने कभी सोचा है कि बिहार में रहते हुए भी आप दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को देख सकते हैं? सुनने में यह किसी अजूबे से कम नहीं लगता, लेकिन यह बिल्कुल सच है. दरअसल बिहार के मधुबनी जिले में नेपाल सीमा से सटा एक छोटा सा कस्बा है, जिसका नाम है जयनगर.
जब यहां का मौसम एकदम साफ़ होता है और हवा में ज़रा भी धूल या धुआं नहीं होता, तो क्षितिज पर हिमालय की बर्फीली चोटियां दिखाई देती हैं. ऐसा लगता है, मानो बर्फ़ से ढके ये ऊंचे-ऊंचे पहाड़ सीधे नीले आसमान को छू रहे हों. जयनगर बिहार के मधुबनी जिले में स्थित है, यह कस्बा कमला नदी के किनारे बसा है, जो सिर्फ़ एक बॉर्डर शहर नहीं, बल्कि प्रकृति की गोद में छिपा एक अद्भुत खजाना है. सूर्योदय के समय इन चोटियों पर पड़ती किरणें इन्हें एक खास चमक देती हैं, जो दूर से बेहद सुंदर दिखती है. तो आइए जानते हैं इस अद्भुत जगह की और क्या ख़ूबियां हैं और आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं.
बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में स्थित जयनगर न केवल एक ऐतिहासिक नगरी है, बल्कि यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है. नेपाल की एक ग्लेशियर से निकलने वाली कमला नदी के तट पर स्थित यह शहर, सीधे मानचित्र पर माउंट एवरेस्ट के सीध में दिखाई देता है. जब वायु क्वालिटी अच्छी होती है और आसमान एकदम साफ़ होता है, तो शहर की ऊंची इमारतों और कमला नदी पर बने बांध से हिमालय की चोटियों का दीदार होता है.
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह अद्भुत नज़ारा साल में दो खास अवधियों के दौरान सबसे अधिक स्पष्ट होता है. पहला चैत्र-बैसाख के महीने (वसंत पंचमी से होली और राम नवमी तक) और दूसरा आश्विन-कार्तिक के महीने (दुर्गा पूजा से कार्तिक पूर्णिमा तक). इन महीनों में हवा ठंडी रहती है और दृश्यता सामान्य से अधिक होती है, जिससे यह बर्फ़ीला नज़ारा बेहद साफ़ दिखाई देता है. ये कोई पहली दफा नहीं है, मई 2020 में लॉकडाउन के दौरान भी स्वच्छ हवा के चलते यह दृश्य स्पष्ट रूप से दिखा था.
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जयनगर से दिखने वाले हिमालय की एक और ख़ासियत है रंग बदलती चोटियां. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ये चोटियां क्षण-क्षण अपने रंग बदलती हैं, जो पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है. दरअसल सूर्य की पहली किरणें जब इन बर्फीली चोटियों पर पड़ती हैं, तो उनका रंग तांबे जैसा चमकता है, फिर धीरे-धीरे सोने जैसा दमकता है और अंत में शांत चांदी जैसा हो जाता है. वहीं शाम के समय यह क्रम फिर से उलट जाता है. इस समय चोटियां चांदी से सोने और फिर कांस्य के रंग में बदलती हैं और धीरे-धीरे शाम के आकाश में विलीन हो जाती हैं.
यह दृश्य न सिर्फ आंखों को सुकून देता है, बल्कि भारत-नेपाल सीमा पर खड़े होकर विश्व की सबसे ऊंची चोटी को देखने का एक अद्भुत गर्व और शांति का एहसास भी कराता है.
जयनगर सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यह सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. यह नेपाल की एकमात्र रेलवे लाइन का शुरुआती स्टेशन है, जहां से लोग जनकपुर तक यात्रा करते हैं. इतना ही नहीं यहां आसपास के इलाकों में कई धार्मिक स्थल भी हैं. इनमें सबसे प्रसिद्ध है सौराठ गांव, जहां हर साल मैथिली ब्राह्मणों की विवाह चर्चा सभा लगती है. यहां का सोमनाथ महादेव मंदिर भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है.
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जयनगर तक पहुंचना बहुत ही आसान है, क्योंकि यह शहर ट्रेन और बस दोनों से जुड़ा हुआ है.
ट्रेन से: आप दिल्ली और बिहार की राजधानी पटना से यहां के लिए सीधी ट्रेन पकड़ सकते हैं. इसके अलावा मधुबनी से भी यहां के लिए ट्रेने चलती है.
बस और सड़क से: बिहार के कई बड़े शहरों से जयनगर के लिए सीधी बसें भी चलती हैं. आप अपनी गाड़ी या टैक्सी से भी आराम से यहां तक पहुंच सकते हैं.
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