WhatsApp पर लगेगा बैन? अमेरिकी सरकार का बड़ा कदम, सता रहा हैकिंग का डर

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में US हाउस के रिप्रेजेंटेटिव को अपने स्मार्टफोन से WhatsApp को रिमूव करने को कहा है. इसके साथ ही उनको इस मैसेजिंग ऐप की जगह पर अन्य कोई ऐप यूज करने की सलाह दी है. दरअसल, सरकार को साइबर अटैक के खतरे का डर सता रहा था, जिसमें उनके नेता और सरकारी ऑफिसर शिकार हो सकते हैं. साथ ही कई सेंसटिव डिटेल्स लीक हो सकती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 24 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

WhatsApp को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है, जिसमें दावा किया है कि अमेरिका के नेताओं को मैसेजिंग ऐप को रिमूव करने का ऑर्डर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, US हाउस के रिप्रेजेंटेटिव को अपने मोबाइल से WhatsApp रिमूव करने की सलाह दी है. यह ऑर्डर सिर्फ सरकार द्वारा जारी किए गए स्मार्टफोन के लिए है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को एक ऑफिशियल ऑर्डर जारी किया था, जो ईमेल्स के जरिए कई रिप्रेजेंटेटिव तक पहुंचा. हाउस के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर के तहत काम करने वाले साइबर सिक्योरिटी ऑफिस की तरफ से कहा है कि WhatsApp पर खतरा मंडरा रहा है और डेटा लीक होने का खतरा है. 

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सभी सरकारी डिवाइसेस से WhatsApp रिमूव करने को कहा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, US हाउस के रिप्रेजेंटेटिव और ऑफिसर्स लिए जरूरी निर्देश जारी किये हैं और उनको सरकारी डिवाइसेस में से WhatsApp रिमूव करने को कहा है. हालांकि, अमेरिकी सरकार ने इस ईमेल्स को लेकर पब्लिकली कोई ऑफिशियल डिटेल्स शेयर नहीं की है. 

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सभी डिवाइसेस से WhatsApp रिमूव करने को कहा 

रिपोर्ट्स में बताया कि सभी US हाउस के रिप्रेजेंटेटिव और उनके ऑफिसर्स को मोबाइल फोन, डेस्कटॉप, कंप्यूटर्स और वेब ब्राउजर आदि WhatsApp रिमूव करने को कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ऑर्डर में ये भी कहा है कि जिन लोगों के डिवाइस में ये WhatsApp है, वे रिमूव करने के लिए ऑफिस में कॉन्टैक्ट कर सकते हैं. 

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दूसरे मैसेजिंग ऐप्स यूज करने को कहा 

WhatsApp की जगह अन्य किसी मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करने की सलाह दी है, जिसमें Signal, Microsoft Teams, Wickr, Apple का iMessage और FaceTime का नाम शामिल है. इसके साथ ही स्टाफ को अनजान मैसेज से आने वाले खतरनाक मैसेज और फिशिंग अटैक से दूर रहने को कहा है. 

Meta Platforms ने निंदा की 

WhatsApp की पेरेंट कंपनी Meta Platforms ने अमेरिकी विभाग द्वारा उठाए गए कदम की निंदा की है. कंपनी लगातार अपने WhatsApp ऐप को एक सिक्योर प्लेटफॉर्म के तौर पर प्रमोट करता रहा है.

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सता रहा था साइबर अटैक का डर 

अमेरिका को साइबर अटैक का खतरा सता रहा था और उसे लगता था कि किसी US हाउस के रिप्रेजेंटेटिव या बड़े ऑफिसर का फोन हैक करके सरकारी डेटा में सेंधमारी की जा सकती है. इस तरह के किसी भी खतरे से अपने डेटा और सरकारी डॉक्यूमेंट को सेफ रखने के लिए ये ऑर्डर जारी किया है. 

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