ईरान में लोगों को WhatsApp डिलीट करने के लिए क्यों कहा जा रहा है? क्या हो रही जासूसी

WhatsApp In Iran: ईरान में टीवी के जरिए लोगों से ये अपील की जा रही है कि लोग अपने फोन में वॉट्सऐप चलाना बंद कर दें. इसके पीछे की वजह ये है कि इजरायल इससे वहां के लोगों की जानकारी जुटा रहा है.

Advertisement
ईरानी टेलीविजन ने मंगलवार को लोगों से अपने स्मार्टफोन से व्हाट्सएप हटाने का आग्रह किया है. (फोटो- AP) ईरानी टेलीविजन ने मंगलवार को लोगों से अपने स्मार्टफोन से व्हाट्सएप हटाने का आग्रह किया है. (फोटो- AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच ईरानी टीवी ने लोगों से वॉट्सऐप ना चलाने के लिए कहा है. अब ईरान में लोगों से अपील की जा रही है कि वो अपने स्मार्टफोन से वॉट्सऐप को डिलीट कर दे. आरोप है कि इसके जरिए इजरायल जासूसी कर रहा है और ईरान के लोगों की जानकारी हासिल कर रहा है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर वॉट्सऐप को लेकर ईरान में क्या नियम है और अभी ईरान का क्या दावा है. साथ ही आपको बताएंगे कि इस बारे में वॉट्सऐप का क्या कहना है और किस तरह वॉट्सऐप के जरिए जासूसी की जाने बात कही जा रही है. 

Advertisement

ईरान में वॉट्सऐप को लेकर क्या कहा जा रहा है?

द टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी टेलीविजन ने मंगलवार को लोगों से अपने स्मार्टफोन से वॉट्सऐप हटाने का आग्रह किया है. उनका आरोप है कि मैसेजिंग ऐप ने इजरायल को भेजने के लिए यूजर्स की जानकारी और कुछ खास डेटा इकट्ठा किया है. आरोप है कि वॉट्सऐप ईरान के लोगों की जानकारी इजरायल को दे रहा है, जिससे इजरायल के पास कई पर्सनल डेटा पहुंच रहा है. 

वॉट्सऐप का क्या कहना है?

ईरान की ओर से लगाए गए आरोपों पर वॉट्सऐप का कहना है कि ये झूठी रिपोर्ट्स हमारी सेवाओं को उस समय रोकने का बहाना होंगी, जिस वक्त लोगों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. वॉट्सऐप का कहना है ऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है कि बीच में कोई सेवा प्रोवाइडर मैसेज नहीं पढ़ सकता है.

Advertisement

साथ ही ऐप ने कहा, 'हम लोकेशन को ट्रैक नहीं करते हैं, हम यह रिकॉर्ड नहीं रखते हैं कि कौन किसको मैसेज भेज रहा है और हम उन पर्सनल मैसेज को ट्रैक नहीं करते हैं जो लोग एक-दूसरे को भेज रहे हैं. साथ ही हम किसी भी सरकार को जानकारी प्रदान नहीं करते हैं.'

क्या हो सकती है जासूसी?

वैसे तो वॉट्सऐप की ओर से इस बात का खंडन कर दिया गया है कि उसकी ओर से कोई भी जासूसी नहीं की जा रही है. साथ ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होने के वजह से जासूसी संभव नहीं है. लेकिन, अगर तकनीकि तौर पर देखें तो जीरो-डे एक्सप्लॉइट्स के जरिए ऐसा संभव भी हो सकता है. बता दें कि जीरो-डे एक्सप्लॉइट एक तरह का साइबर हमला होता है. एक बार पहले भी इजरायल की एक कंपनी का ऐसा करने में नाम आया था. इसके साथ ही सोशल इंजीनियरिंग या फिशिंग अटैक के जरिए भी पर्सनल जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा सकती है. 

ईरान में पहले भी था वॉट्सऐप पर बैन

ईरान ने पहले भी कई सोशल नेटवर्क पर बैन लगाया गया था. हालांकि, कुछ लोग प्रॉक्सी और वर्चुएल प्राइवेट नेटवर्क या वीपीएन के जरिए इसका इस्तेमाल करते हैं. साल 2022 में महसा अमिनी की मौत पर सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के वक्त वॉट्सऐप और गूगल प्ले पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिर इसके हाल ही में पिछले साल के आखिरी में प्रतिबंध को हटा लिया गया था. इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के अलावा वॉट्सऐप ईरान के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप में से एक है. 
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement