सरकारी ऐप संचार साथी चर्चा में बना हुआ है. सरकार के एक ऑर्डर के बाद भारत में सेल होने वाले सभी नए फोन में संचार साथी ऐप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा. इस ऑर्डर के बाद से ही संसद से लेकर सड़क तक ये चर्चा हो रही है कि क्या ये ऐप भारतीयों के लिए सेफ है और क्या इससे आम लोगों की प्राइवेसी तो खतरने में नहीं पड़ेगी.
फोन में संचार साथी ऐप अनिवार्य होना चाहिया या नहीं, उस पर बात ना करते हुए ये जानते हैं कि संचार साथी ऐप अंदर 5 खास फीचर्स हैं. संचार साथी ऐप को ओपन करते ही 5 नए फीचर्स दिखाई देते हैं, जिनको सिटिजन सेंट्रिक सर्विस बताया गया है. साथ ही सरकार ने इस ऐप को लेकर चल जारी अफवाहों को रोका है और उसके पीछे का सच बताया है.
संचार साथ ऐप स्क्रीन पर दिखने वाली सर्विस
संचार साथी को लेकर मंत्री ने किया पोस्ट
सवालः संचार साथी ऐप के बेनेफिट्स और खतरे कितने-कितने हैं?
जवाब: संचार साथी के साथ कोई भी प्राइवेसी खतरा नहीं है. इस ऐप के सिर्फ फायदे हैं. ये ऐप सिटिजन सेंट्रिक सर्विस प्रोवाइड कराता है. इसके सिर्फ फायदे हैं. इस पर संदिग्ध फोन कॉल, मैसेज आदि की रिपोर्ट कर सकते हैं. खोए या चोरी फोन के रिपोर्ट कर सकते हैं.
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सवालः कंपनियों के दिए गए ऑर्डर में क्लॉज़ 7b के तहत सभी नए हैंडसेट में संचार साथी प्री-इंस्टॉल करने को कहा है. फिर ये कैसे संभव है कि ऐप ‘ऑप्शनल’ है और अनइंस्टॉल किया जा सकता है?
जवाब: प्री-इंस्टॉलेशन डायरेक्टिव सिर्फ मोबाइल मैन्युफैक्चरर के लिए है, उपयोगकर्ताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं. ऑर्डर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐप पहली बार सेटअप में मोबाइल यूजर्स को साफ-साफ दिखाई दे और निर्माता इसके फंक्शन को सीमित ना करें.
क्लॉज में ये बात नहीं की गई है कि ऐप अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता. मोबाइल यूजर्स पूरी तरह से फ्री होंगे, अगर यूजर्स संचार साथी ऐप को हटाना चाहें तो हटा सकते हैं या फिर डिलीट भी कर सकेंगे.
सवालः रिपोर्ट के अनुसार ऐप को ब्रॉड परमिशन (कॉल/SMS लॉग, कैमरा, स्टोरेज आदि) की आवश्यकता होती है। क्या यह सही है?
जवाबः संचार साथी ऐप को फोन डेटा तक लिमिटेड एक्सेस चाहिए होती है. वह भी उतने समय और उतनी सीमा तक, जितनी किसी विशेष फ्रॉड-रिपोर्टिंग इंटरैक्शन के लिए जरूरी है. जैसे बेसिक परमिशन, जिसमें कॉल लॉग और SMS आदि शामिल हैं. इसके बाद वेरिफिकेशन्स के लिए ओटीपी मांगता है.
ऐप में एडवांस्ड परमिशन तब सक्रिय होता है, जब यूजर्स को कोई सबूत अपलोड करना होता है, जैसे कोई फर्जी SMS का स्क्रीनशॉट या धोखाधड़ी का फोटो आदि.
सवाल: क्या ऐप उपयोगकर्ता की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को खतरा पहुंचाता है / निगरानी सक्षम करता है?
उत्तरः नहीं. संचार साथी ऐप ऐप कभी भी माइक्रोफोन, लोकेशन, ब्लूटूथ या ऑपरेटिंग सिस्टम डेटा तक का एक्सेस नहीं मांगता है.
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सवालः क्या यह कदम कानूनी और संवैधानिक रूप से उचित है, खासकर ऐसे देश में जहां डिजिटल-राइट्स की मजबूत सुरक्षा है?
उत्तरः हां. ये ऑर्डर Telecom Cybersecurity Rules 2024 (संशोधित) के तहत, जो Telecommunications Act 2023 के फ्रेमवर्क में जारी किए गए हैं.
रोहित कुमार