पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) से जुड़े मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा लिया गया है. आजतक ने इस बारे में 12 अक्टूबर को खुलासा किया था कि गूगल प्ले स्टोर पर जैश से जुड़ी मोबाइल ऐप 'अच्छी बातें' मौजूद हैं. इस ऐप के जरिए इस्लामिक शिक्षा देने का दावा किया गया था, लेकिन इसके जरिए मासूम युवाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही थी. आजतक के खुलासे के बाद आखिरकार गूगल ने प्ले स्टोर से इस ऐप को हटा दिया है.
'अच्छी बातें' ऐप सीधे तौर पर तो जैश से लिंक नहीं था, लेकिन इसके तार इसके सरगना मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar) से जुड़े हुए थे. इस ऐप के डेवलपर्स ने एख ब्लॉग पेज भी बनाया था जो ऐप के डिस्क्रिप्शन पेज से हाइपरलिंक था. इसी पेज पर दो एक्सटर्नल पेज भी लिंक किए गए थे. इनमें मसूद अजहर के ऑडियो मैसेज थे. उसके छोटे भाई अब्दुल रौफ असगर और उसके करीबी तल्हा सैफ की रिकॉर्डिंग भी थी. एक पेज पर मसूद अजहर की लिखी कई किताबें भी मौजूद थीं.
आजतक के लिए इन्फोर्मेशन सिक्योरिटी लैब Innefu Labs ने जब इस ऐप का टेक्नीकल एनालिसिस किया था तो पाया था कि इसका सर्वर जर्मनी में हैं. Innefu Labs के को-फाउंडर तरुण विग ने बताया था कि ये ऐप जर्मनी के कोन्ताबो डेटा के सर्वर से कनेक्ट है.
उन्होंने बताया था कि ये ऐप चीन के UC ब्राउजर ऐप की तरह ही काम करता है, जिसे भारत में बैन कर दिया गया था. एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद ये ऐप नेटवर्क और जीपीएस लोकेशन (अगर जीपीएस एक्टिव है) को एक्सेस करता है. जैसे ही यूजर अपना फोन चालू करता है, वैसे ही ये ऐप भी चालू हो जाती है और बैकग्राउंड में चलती रहती है. इसके जरिए ये फोन की लोकेशन, नेटवर्क, स्टोरेज, मीडिया और दूसरी फाइलों को भी एक्सेस कर सकती है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका ने भी इसे विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. जैश से जुड़ी इस ऐप को 4 दिसंबर 2020 को एंड्रॉयड यूजर्स के लिए लॉन्च किया गया था.
अंकित कुमार