Facebook की पैरेंट कंपनी Meta के साथ पहली बार हुआ ऐसा, घट गई कमाई, मंदी के डर ने बिगाड़ा खेल?

Meta Revenue loss: फेसबुक की पैरेंट कंपनी की कमाई पहली बार कम हुई है. मेटा ने बुधवार को दूसरी तिमाही के रिजल्ट जारी किए हैं. इस रिजल्ट में कंपनी की आय घटी है. यह पहला मौका है जब कंपनी ने रेवेन्यू ड्रॉप रिपोर्ट किया है. मेटा की कमाई का प्रमुख सोर्स डिजिटल ऐड्स रेवेन्यू है. तिमाही रिजल्ट आने के बाद कंपनी के शेयर्स भी 4.6 परसेंट गिर गए हैं. आइए जानते हैं क्या है इस बारे में कंपनी का कहना.

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Facebook की पैरेंट को कमाई हुई कम Facebook की पैरेंट को कमाई हुई कम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST
  • Meta का रेवेन्यू पहली बार हुआ कम
  • दूसरी तिमाही में एक परसेंट घट गया रेवेन्यू
  • रिजल्ट के बाद कंपनी के शेयर भी 4.6 परसेंट गिर गए हैं

Facebook, WhatsApp और Instagram जैसे पॉपुलर ऐप्स की पैरेंट कंपनी Meta (जो पहले फेसबुक हुआ करती थी) की कमाई पहली बार कम हुई है. बुधवार को आया तिमाही रिजल्ट पहला मौका है, जब कंपनी का रेवेन्यू कम हुआ है. मंदी के डर और बढ़ते कंपटीशन की वजह से कंपनी की डिजिटल ऐड्स सेल्स प्रभावित हुई है.

रिजल्ट आने के बाद कंपनी के शेयर 4.6 परसेंट गिर गए. मेटा के कयास के मुताबिक तीसरी तिमाही में उनका रेवेन्यू 26 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.

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कंपनी की मानें तो उनका रेवेन्यू इस तिमाही 1 परसेंट गिरकर 28.8 अरब डॉलर पहुंच गया है. टिकटॉक जैसे प्रतिद्वंदियों के मार्केट में आने से कंपनी की कमाई पर असर पड़ने लगा है. 

कितना कम हुआ रेवेन्यू 

पिछली तिमाही कंपनी का रेवेन्यू 29.1 अरब डॉलर था. दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हैंडल करने वाली मेटा ने यूजर्स ग्रोथ को लेकर भी मिले-जुले रिजल्ट रिपोर्ट किए हैं. कंपनी के फ्लैगशिप ऐप Facebook पर मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 2.93 अरब रही है, जो एनालिस्ट के अनुमान के आसपास है. 

ईयर-ऑन-ईयर ग्रोथ की बात करें तो इस तिमाही एक्टिव यूजर्स की संख्या 1 परसेंट बढ़ी है. वहीं डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1.97 अरब पहुंच गई है. दूसरी ग्लोबल कंपनियों की तरह ही Meta को भी कमाई से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

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डॉलर बन रहा दुश्मन?

लगातार मजबूत होते डॉलर की वजह से भी कंपनी को नुकसान हो रहा है. चूंकि डॉलर लगातार मबजूत हो रहा है, इसकी वजह से दूसरे देशों से होने वाली कमाई घट रही है. क्योंकि वहां की करेंसी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रही है.

तीसरी तिमाही में Meta को 6 परसेंट की रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान है. वहीं मेटा के रिजल्ट से एक और बात साफ हो गई है. डिजिटल ऐड्स की लड़ाई अब सिर्फ सोशल मीडिया कंपनियों में नहीं, बल्कि सर्च इंजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच हो रही है. 

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