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टेक न्यूज़

X के नए फीचर ने खोली पोल, पाकिस्तान में बैठकर हिंदू नाम से चलाए जा रहे फेक अकाउंट

आकाश शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST
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एलॉन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ने हाल में एक नया फीचर जारी किया है. ये फीचर किसी अकाउंट के बारे में विस्तार से जानकारी देता है. जैसे उस अकाउंट का यूजर नेम कितने बारे बदला गया है और अकाउंट कहां से ऑपरेट होता है. इस फीचर की वजह से किसी यूजर के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकेगी. (Photo: Unsplash)

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इस ट्रांसपैरेंसी टूल का फायदा, किसी टॉपिक पर चर्चा कर लोग कौन हैं, ये जानने में मदद करेगा. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि भारत में किसी राष्ट्रीय मुद्दे पर पोस्ट कर रहा अकाउंट क्या भारत से चलाया जा रहा है या पाकिस्तान में बैठा कोई शख्स भारत में जहर फैलाने का काम कर रहा है. आप इसका पता लगा सकेंगे. (Photo: Unsplash)

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X पर बहुत से ऐसे अकाउंट मिले हैं, जो भारत में चले रहे तमाम मुद्दों पर भारतीय बनकर पोस्ट करते हैं. लेकिन वास्तव में ये अकाउंट भारत से नहीं बल्कि दूसरे देशों से चलाए जा रहे हैं. पाकिस्तान या वेस्ट एशिया से चलाए जा रहे इन अकाउंट्स के जरिए गलत जानकारी, प्रोपेगेंडा और पॉलिटिकल नैरेटिव फैलाया जा रहा है. (Photo: Unsplash)

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इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने जांच में पाया है कि भारत के मामलों पर भारतीय बनकर पोस्ट करने वाले बहुत से अकाउंट विदेशों से चलाए जा रहे हैं.  (Photo: Unsplash)

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ऐसा ही एक अकाउंट @chaturvediswat नाम का है, जिसमें एक भारतीय महिला की तस्वीर लगी है और बायो में जय हिंद लिखा हुआ. अकाउंट के बायो में लोकेशन भारत की दी गई है. हालांकि, जांच में पता चला है कि ये अकाउंट पाकिस्तान से चलाया जाता है. (Photo: OSNIT)

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इसी तरह का एक अन्य अकाउंट भी है, जिसने दो हजार से ज्यादा पोस्ट किए हैं. ज्यादातर पोस्ट में भारत सरकार की नीतियों की आलोचना की गई है. ये अकाउंट पाकिस्तान से इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तरह से दूसरे अकाउंट भी शामिल हैं, जो चलाए तो पाकिस्तान, सऊदी अरब और पश्चिमी एशिया से जा रहे है, लेकिन खुद को भारतीय बताते हैं. (Photo: OSNIT)

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हालांकि, इन फीचर्स की कुछ सीमाएं हैं. ऐसे यूजर्स जो VPN का इस्तेमाल करते हैं, वे इसे चकमा दे सकते हैं. ऐसा प्रॉक्सी नेटवर्क इस्तेमाल करने की वजह से भी हो सकता है. (Photo: OSNIT)

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X के प्रोडक्ट हेड निकिता बियर ने बताया कि जरूरी नहीं है कि ये डेटा सही ही हो. कुछ इंटरनेट प्रोवाइडर्स यूजर्स की जानकारी के बिना प्रॉक्सी का इस्तेमाल करते हैं. अगर डेटा गलत होता है तो उसे समय के साथ उपलब्ध बेस्ट जानकारी के आधार पर अपडेट किया जाएगा. (Photo: OSNIT)

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