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कभी मार्क जकरबर्ग की कंपनी में थे इंटर्न, अब बन चुके हैं सबसे बड़े राइवल

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST
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कभी फेसबुक में इंटर्नशिप करना वाले Shou Zi Chew आज उसकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी कंपनी के CEO हैं. Shou Zi Chew का जन्म सिंगापुर में हुआ था और वो TikTok CEO की भूमिका निभा रहे हैं. अमेरिकी बाजार में TikTok मार्क जकरबर्ग की मेटा की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी है. (Photo: LinkedIn)

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मेटा को टक्कर देने वाले Chew ने अपनी शुरुआत फेसबुक (अब मेटा) से की थी. यहां उन्होंने बतौर इंटर्न काम किया था. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से इकोनॉमिक्स डिग्री हासिल करने के बाद Chew ने हावर्ड बिजनेस स्कूल से MBA किया. उन्होंने कुछ वक्त से लिए फेसबुक में समर इंटर्न के रूप में भी किया था.  (Photo: Unsplash)

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साल 2015 में Shou Zi Chew ने चीनी स्मार्टफोन ब्रांड Xiaomi को जॉइन किया था. उन्होंने कंपनी की लिस्टिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. शू ने बतौर चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर इस कंपनी को जॉइन किया था. उन्होंने 5 साल 9 महीने तक शाओमी में काम किया. (Photo: Unsplash)

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साल 2021 में शू ने अपनी करियर को नया मोड दिया था. उन्होंने ByteDance को जॉइन किया, जो टिकटॉक की पैरेंट कंपनी है. उन्होंने यहां पर अपनी शुरुआत बतौर चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की थी. इसके बाद उन्हें साल 2021 में ही TikTok का CEO बना दिया गया. (Photo: Unsplash)

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उनके नेतृत्व में ही टिकटॉक ने 1 अरब से ज्यादा यूजर्स का आंकड़ा पार किया. इसमें 15 करोड़ अमेरिकी यूजर्स भी शामिल हैं, जिनकी बदौलत टिकटॉक अमेरिकी बाजार में मेटा की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी बन गई. टिकटॉक मेटा के लिए काफी पहले से चुनौती बना हुआ है. (Photo: Unsplash)

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रिपोर्ट्स की मानें तो मार्क जकरबर्ग ने साल 2016 में Musical.ly को खरीदने की भी कोशिश की थी. Musical.ly एक लिप सिंकिंग ऐप था, जो बाद में टिकटॉक में मर्ज हो गया. ByteDance ने इस कंपनी को 80 करोड़ डॉलर में खरीदा था. वहीं मेटा के पास भी ऐसा ही एक ऐप था, जिसका नाम Lasso था. ये ऐप बुरी तरह से फेल हुआ था और कंपनी ने इसे 2020 में बंद कर दिया. (Photo: Unsplash)

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टिकटॉक की पॉपुलैरिटी बढ़ने के साथ ही अमेरिका में इसकी जांच भी शुरू हो गई. शू को टिकटॉक का बचाव करने के लिए अमेरिकी कानून निर्माताओं के सामने पेश भी होना पड़ा. अमेरिकी सरकार टिकटॉक के चीनी मालिकाना हक के कारण इसे राष्ट्र के लिए खतरा मानती है. जकरबर्ग कई बार टिकटॉक विदेशी कंट्रोल को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं. (Photo: Unsplash)

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