नए डिजिटल नियम पर विवाद चल रहा है. आज WhatsApp ने दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ केस किया है. अब WhatsApp के केस पर सरकार की ओर जवाब आ गया है. सरकार की ओर से कहा गया है वो राइट ऑफ प्राइवेसी का सम्मान करती है. WhatsApp को कुछ केस में मैसेज के बारे में जानकारी देनी पड़ेगी. नया नियम सभी टेक कंपनियों के लिए लागू होती है और WhatsApp इससे अलग नहीं है.
इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत सरकार अपने सभी नागरिकों की निजता का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार की ये भी जिम्मेदारी है वो कानून व्यवस्था और नेशनल सिक्योरिटी का भी ध्यान रखे.
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा भारत सरकार ने WhatsApp को जो उपाय बताए है उससे जनरल यूजर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसको लेकर सरकार ने कुछ रूल्स भी बताए है. इसके अलावा सरकार ने ये भी कहा ऐसी जानकारी केवल कानूनी प्रोसेस के जरिए ही मांगी जा सकती है.
सरकार ने कहा है हम ऐसी बातों से इंकार नहीं कर सकते हैं किस तरह मॉब लिचिंग की घटनाओं में WhatsApp पर फैले मैसेज का अहम योगदान रहा है. ऐसे में जरूरी है जब आवश्यकता हो WhatsApp मांगी गई जानकारी सरकार को उपलब्ध करवाए.
कुछ केस में सरकार की ओर से जानकारी मांगी जाएगी. इसमें भारत की अखंडता और सुरक्षा का मामला, रेप, यौन संबंधी कंटेंट, चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज कंटेंट जिसमें कम से कम 5 साल कारावास दंड का आदेश पब्लिक हो ऐसे मामले में जानकारी मांगी जाएगी.
मैसेज के ओरिजनेटर के बारे में डिटेल्स में तभी मांगा जाएगा जब ये लास्ट ऑप्शन कानून के पास बचेगा. ये डिटेल भी पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत मांगी जाएगी. ये नियम सभी पर लागू होते हैं जिसमें WhatsApp भी शामिल है और ये इससे बच नहीं सकता है.
अक्टूबर 2018 के बाद से WhatsApp की ओर से मैसेज ओरिजनेटर का पता लगाने वाले बात पर भारत सरकार के सामने कभी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई गई. सरकार ने कहा एक तरफ WhatsApp यूजर्स के डेटा को फेसबुक के साथ शेयर करता है वहीं, दूसरी ओर ये भारत सरकार के सामने नियम में आने पर असमर्थता जताता है.
कानून मंत्री ने कहा हम यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा सम्मान करते हैं. ऐसे में WhatsApp को टेक्निकल पॉइंट समझ के बिना मैसेज के एन्क्रिप्शन खत्म किए किस तरह मैसेज के ओरिजनेटर तक पहुंचा जा सकता है ये देखना होगा. इसको लेकर सरकार ने कई देशों के उदाहरण दिए जहां सुरक्षा एजेंसी को टेक कंपनी के डेटाबेस को देखने का हक मिला हुआ है.