भारत के हर गांव-हर शहर को इंटरनेट से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना 'डिजिटल इंडिया' बुधवार को लॉन्च हो गई. 'डिजिटल इंडिया वीक' के तौर पर देश में एक हफ्ते तक इससे जुड़ा कार्यक्रम चलेगा. दिल्ली के इंदिरा गांधी एरेना में देश-दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया और 'डिजिटल इंडिया' के अपने सपने की अवधारणा सबसे साझा की.
M-गवर्नेंस भी देखेगा देश: मोदी
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल ताकत को समझना समय की मांग है और अगर यह नहीं किया गया तो दुनिया बहुत आगे निकल जाएगी और हम पीछे रह जाएंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश 'एम-गवर्नेंस' में बदलने वाला है. इसका मतलब मोदी गवर्नेंस से नहीं, मोबाइल-गवर्नेंस से है. पूरी सरकार आपके मोबाइल में कैद होने वाली है.
उन्होंने कहा, 'रविशंकर प्रसाद जी ने बताया कि इससे साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा और करीब 18 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.'
'अब कलम नहीं, हाथ से मोबाइल खींचता है बच्चा'
PM मोदी ने कहा, 'समय तेजी से बदल चुका है. पहले आप घरों में जाते थे और कोई बच्चा होता था तो वह आपका पेन खींचता था, चश्मा खींचता था. लेकिन अब वह सबसे पहले मोबाइल छीनने लगता है. वह बाकी कुछ समझे न समझे, डिजिटल ताकत को समझता है. समय की मांग है कि हम इस बदलाव को समझें. अगर हम इसे नहीं समझेंगे तो हम देखते रह जाएंगे और दुनिया कहीं दूर निकल जाएगी.'
'इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात कम हो'
अंबानी से लेकर टाटा-बिड़ला तक रहे मौजूद
डिजिटल इंडिया वीक पर ई-हेल्थ, ई-एजुकेशन और डिजिटल लॉकर जैसी योजनाओं को लॉन्च किया गया. पीएम के साथ कार्यक्रम में मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, सायरस मिस्त्री, सुनील भारती मित्तल, अजीम प्रेमजी, कुमारमंगलम बिड़ला समेत कई बड़े उद्योगपति मौजूद हैं. इसके अलावा कई ग्लोबल बिजनेस लीडर्स ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की. सरकार डिजिटल इंडिया अभियान के जरिए बड़े पैमाने पर भारत में निवेश लाने की कोशिश में है.
इंदौर के दो गांव को शुरुआती लाभ
सरकार ने डिजिटल इंडिया के लिए 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. पिछले साल अगस्त में सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान को लॉन्च किया था. प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंदौर की दो ग्राम पंचायतों को डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट से जोड़ेंगे. इसका मकसद ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ने का है.
सरकार इसके जरिए ई-गर्वनेंस को भी बढ़ावा देना चाहती है. इंदौर में इस प्रोजेक्ट के तहत 35 किलोमीटर के दायरे में आनेवाले दस ग्राम पंचायतों को हाइस्पीड इंटरनेट सर्विस से जोड़ा जाएगा. साथ ही 335 ग्राम पंचायतों को हाइस्पीड इंटरनेट सर्विस से जोड़ने का काम लगभग पूरा होने को है.
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