महिला क्रिकेट के इतने लंबे इतिहास में जो कई साल में नहीं हुआ, वो इस साल की शुरुआत में होता दिख रहा है. पिछले कुछ वक्त में भारतीय महिला क्रिकेट के लिए इतनी बढ़िया खबरें आई हैं जो इशारा करती हैं कि अब महिला क्रिकेट के अच्छे दिन आ गए हैं. बीते दिनों बीसीसीआई ने महिला क्रिकेटर्स को पुरुष क्रिकेटर्स जितनी मैच फीस देने का ऐलान किया था, फिर महिला आईपीएल का ऐलान कर दिया गया और अब भारतीय अंडर-19 टीम टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता बन गई है.
कुड़ियों का है जमाना, ऐसे आ गए अच्छे दिन
अंडर-19 महिला वर्ल्ड कप
रविवार को अंडर-19 वुमेन टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला गया. शेफाली वर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को मात दी और इतिहास रच दिया. भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार है, जब टीम इंडिया ने कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती हो. इससे पहले सीनियर टीम टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन जीत नहीं पाई थी. लेकिन अब अंडर-19 टी-20 वर्ल्ड कप से इसकी शुरुआत हो गई है.
महिला प्रीमियर लीग
टीम इंडिया ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता, उससे कुछ वक्त पहले ही बीसीसीआई ने एक बड़ा ऐलान किया. इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर महिला प्रीमियर लीग का ऐलान हुआ, जिसका इंतज़ार काफी साल से था. आईपीएल सफल हुआ तो उसकी तर्ज पर विदेशों में लीग शुरू हुई, कई देशों ने महिला लीग भी शुरू की. जिसमें भारतीय प्लेयर्स ने हिस्सा लिया, लेकिन हर कोई बीसीसीआई की ओर देख रहा था.
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बीसीसीआई ने लंबे वक्त तक इंतज़ार किया, लेकिन अब पूरे जोर-शोर के साथ महिला प्रीमियर लीग को लॉन्च कर रहा है. करीब 5 हजार करोड़ रुपये में 5 टीमों की बिक्री हुई, 1 हजार करोड़ रुपये में टीवी राइट्स बिके हैं और इसके बाद अब स्पॉन्सर्स, प्लेयर्स ऑक्शन की बारी है. उम्मीद है कि महिला क्रिकेटर्स पर भी लाखों-करोड़ों की बरसात होगी.
पुरुषों के समान मैच फीस
इन दो बड़ी घटनाओं के अलावा बीसीसीआई ने एक और बड़ा फैसला किया था. जहां महिला क्रिकेटर्स को भी पुरुष क्रिकेटर्स जितनी मैच फीस देने की बात कही है. पहले महिला क्रिकेटर्स को किसी वनडे, टी-20 के लिए 1 लाख रुपये की मैच फीस मिलती थी, लेकिन बीसीसीआई ने अब इसे पुरुष क्रिकेटर्स के बराबर यानी वनडे के लिए 6 लाख, टी-20 के लिए 3 लाख की फीस मिलेगी.
बदल गया है ज़माना...
कुछ साल पहले तक अगर कोई लड़की क्रिकेट खेलती हुई दिखती थी, तब कहा जाता था कि यह सिर्फ पुरुषों का खेल है. ऐसे में महिलाओं को अक्सर क्रिकेट खेलने से रोका जाता या फिर कम प्रमोट किया जाता, लेकिन अब जमाना बदला है. अब महिला क्रिकेटर्स भी रोल मोडल बन रही हैं, मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी क्रिकेटर्स ने जो नींव डाली थी, उसे हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना जैसी प्लेयर आगे ले जा रही हैं और अब शेफाली वर्मा जैसी प्लेयर्स उनके बलबूते नई ऊंचाइयां हासिल कर रही हैं.
अंडर-19 टी-20 वर्ल्ड कप जिन लड़कियों ने जीता, उनमें से अधिकतर छोटे शहर, छोटे परिवार से आती हैं. किसी के पिता मज़दूर हैं, तो किसी के पिता ने अपनी ज़मीन बेच दी. कोई अपने पिता को बचपन में खो चुका है, कोई अपने परिवार से लड़कर क्रिकेट खेल रही है. लेकिन अब ये वर्ल्ड चैम्पियन हैं और साथ ही महिला क्रिकेट में भारत में अब इतनी संभावनाएं हैं कि ये एक बेहतर करियर भी बन रहा है.
अब जब महिला क्रिकेट के लिए साल 2023 की शुरुआत इतनी बेहतरीन हुई है और आगे भी पैसों की बरसात, करियर में तरक्की की उम्मीद है तो यह कहना ज़रूरी हो गया है कि क्रिकेट वर्ल्ड में भी अब कुड़ियों का है जमाना...
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