Team India under Gautam Gambhir: गुवाहाटी टेस्ट को टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली साउथ अफ्रीकी टीम ने बुधवार (26 नवंबर) को 408 रनों से जीत लिया. 549 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया मैच के पांचवें दिन 140 रनों पर ढेर हो गई. भारतीय टीम टेस्ट की क्रिकेट में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार रही.
साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए और दूसरी पारी में 260/5 पर पारी घोषित कर दी. इसके बाद भारत के सामने 549 रन का टारगेट था. भारतीय टीम पहली पारी में भी महज 201 रनों पर सिमट गई थी.
खास बात यह रही कि यह साउथ अफ्रीका की भारत में 25 साल बाद टेस्ट सीरीज जीत रही. साथ ही 25 साल बाद अफ्रीकी टीम ने भारत का व्हाइटवॉश 2-0 से किया. ध्यान रहे कोलकाता में हुआ टेस्ट मैच भी बावुमा एंड कंपनी ने 30 रनों से जीतकर सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई थी.
वैसे गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद टीम इंडिया का टेस्ट रिकॉर्ड चिंताजनक है. क्योंकि 25 साल बाद साउथ अफ्रीका ने भारत में टेस्ट सीरीज जीती है. इस हार के बाद टीम इंडिया का टेस्ट रिकॉर्ड गौतम गंभीर के कार्यकाल में लगातार सवालों के घेरे में आ गया है. जब से गंभीर कोच बने हैं, भारत का टेस्ट प्रदर्शन खराब रहा है. कुल मिलाकर भारत का ऐसा हश्र तो टेस्ट क्रिकेट में कभी नहीं हुआ है.
गंभीर के दौर में टीम इंडिया का टेस्ट क्रिकेट में हाल
इधर, प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने कहा, BCCI तय करेगा कि मेरा भविष्य क्या होगा, लेकिन यह मत भूलिए कि मैंने टीम के लिए कई अहम जीत दिलाई हैं. मैं वही हूं जिसके रहते भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता.'
कहानी यहां तक सीमित नहीं है, भारत के गंभीर युग में यह 'गंभीर' आंकड़े उभरकर आए हैं...
• भारत ने लगातार दूसरे साल अपने घर में टेस्ट सीरीज गंवाई है.
• 25 साल में पहली बार भारत ने अपने घर में दो सीजन में मिलाकर 5 टेस्ट मैच हारे हैं.
• 66 साल में पहली बार भारत ने अपने घर में 7 मैचों में से 5 टेस्ट मैच गंवाए हैं.
• भारत को रनों के मामले में अपनी सबसे बड़ी टेस्ट हार (408 रन) झेलनी पड़ी है.
कुल मिलाकर गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में भारत ने सिर्फ दो टेस्ट सीरीज जीती हैं, वो भी लो-रैंक्ड टीमों के खिलाफ (बांग्लादेश और वेस्टइंडीज). इस हार ने टीम इंडिया की तैयारी और अप्रोच पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. गंभीर के कोचिंग सफर का यह अब तक का सबसे मुश्किल दौर माना जा रहा है, क्योंकि टीम अपने घर में भी लगातार मजबूत प्रदर्शन नहीं कर पा रही है.
जुलाई 2024 में गौतम गंभीर को राहुल द्रविड़ की जगह हेड कोच बनाया गया था. उनका कार्यकाल 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक कार्यकाल है, लेकिन जैसा प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में गंभीर की कोचिंग में रहा है, उसने सवाल खड़े कर दिए हैं. बड़ा सवाल यह भी है कि क्या BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) कोई एक्शन लेगा, या उनको मौके दिए जाने का सिलसिला जारी रहेगा. क्योंकि कुछ सीरीज में खराब प्रदर्शन के कारण रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों का भी टेस्ट करियर खत्म हो गया है.
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