साउथ अफ्रीका के स्टार ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर ने भारत में टेस्ट क्रिकेट में ऐसा कारनामा किया है, जो अब तक किसी भी साउथ अफ्रीकी गेंदबाज ने नहीं किया था. गुवाहाटी टेस्ट और पूरी सीरीज में उनका जलवा ऐसा रहा कि भारतीय बल्लेबाज लगातार उनके आगे जूझते नजर आए.
हार्मर ने भारत में अब तक 4 टेस्ट खेले हैं जिनमें उन्होंने 27 विकेट झटके हैं. उनका गेंदबाजी औसत 15.03 और स्ट्राइक-रेट 36.1 है, जो उन्हें भारत में कम से कम 20 विकेट लेने वाले 109 गेंदबाजों में नंबर 1 बनाता है. उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 6/37 रहा है. कुल मिलाकर भारत में उन्होंने विदेशी स्पिनर्स की ‘ऑल-टाइम ग्रेट’ परफॉर्मेंस दी. कुल मिलाकर इस सीरीज में साइमन हार्मर का भारतीय टीम पर गेंदबाजी रूपी हैमर (हथौड़ा) चला.
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यही नहीं, हार्मर भारत में साउथ अफ्रीका के सबसे सफल गेंदबाज भी बन गए हैं. उन्होंने दिग्गज डेल स्टेन (26 विकेट) का रिकॉर्ड तोड़ते हुए भारत में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अफ्रीकी गेंदबाज का तमगा अपने नाम कर लिया.
इस सीरीज में उनका प्रदर्शन और भी खास रहा. उन्होंने 17 विकेट लिए, जो भारत में एक टेस्ट सीरीज में किसी भी साउथ अफ्रीकी गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड भी डेल स्टेन के नाम था, जिन्होंने 2008 में 15 विकेट लिए थे.
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साइमन हार्मर बने प्लेयर ऑफ द सीरीज... याद किया 10 साल पुराना दौरा!
साउथ अफ्रीका की ऐतिहासिक सीरीज जीत के बाद प्लेयर ऑफ द सीरीज बने साइमन हार्मर ने अपनी भावनाएं खुलकर जाहिर कीं. उन्होंने कहा कि भारत में उनकी यह वापसी बेहद खास रही क्योंकि 10 साल पहले की कड़वी यादों को अब इस दौरे ने पूरी तरह बदल दिया है.
हार्मर ने कहा- पिछले टेस्ट में भी कहा था, यह लंबा सफर रहा है. 10 साल बाद दोबारा यहां आकर अब बिल्कुल अलग फीलिंग है. इस बार तो मैं बहुत अच्छी यादें लेकर जाऊंगा. टीम को 2-0 से जीत दिलाना ही लक्ष्य था और एक मजबूत भारतीय टीम के खिलाफ यह कर पाना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है.
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हार्मर ने भारतीय गेंदबाजों की दूसरी पारी की गेंदबाजी भी गौर से देखी और कहा कि पिच की टूट-फूट उनके लिए निर्णायक साबित हुई. उन्होंने कहा- 40 ओवर के बाद गेंद सॉफ्ट हो रही थी और उतना तेज टर्न नहीं मिल रहा था. लेकिन पिच की टूट-फूट और फुटमार्क पर मिली मदद ने विकेट दिलाए. ऋषभ पंत का विकेट इसी तरह मिला.
भारतीय टीम की जुझारू बल्लेबाजी की सराहना करते हुए हार्मर बोले, “हम जानते थे कि भारत आज जान लगाकर खेलेगा. उन्होंने कड़ा मुकाबला किया. लेकिन हमारा प्लान साफ था, सही एरिया में गेंद डालो, मौका खुद बन जाएगा.” उन्होंने स्लिप पर एडेन मार्करम और मारको जानसेन के शानदार कैचों की भी तारीफ की.
एंड बदला तो आया जादू! टेम्बा का फैसला साबित हुआ मास्टरस्ट्रोक
हार्मर ने बताया कि कप्तान बावुमा के सुझाव पर उन्होंने बॉलिंग एंड बदला और वहीं से विकेट गिरने शुरू हुए. टेम्बा ने कहा कि इस एंड से ट्राय करो. जैसे ही मैंने किया, लेफ्ट हैंडर्स के खिलाफ गेंद सीधी से टर्न करने लगी. वही गेम-चेंजर रहा.हार्मर ने केशव महाराज की जमकर तारीफ की और कहा कि वह टीम में सपोर्टिंग रोल निभाने में खुश हैं.
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