भारतीय क्रिकेट को एक बार फिर अपना अगला बड़ा सितारा मिल चुका है और उसकी उम्र सिर्फ 14 साल है. बिहार के युवा बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी के अपने पहले ही मुकाबले में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 84 गेंदों में 190 रन की विस्फोटक पारी खेलकर क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया. यह पारी उन्होंने अंडर-19 एशिया कप फाइनल में असफल रहने के कुछ ही दिनों बाद खेली, जिससे यह चर्चा और तेज हो गई है कि क्या उन्हें जल्द सीनियर भारतीय टीम में मौका मिलना चाहिए.
वैभव की इस तूफानी बल्लेबाज़ी की बदौलत बिहार ने 6 विकेट पर 574 रन बनाए, जो विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास का सबसे बड़ा टीम स्कोर है. इस प्रदर्शन ने फैंस, क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों को हैरान कर दिया. इतनी कम उम्र में सीनियर घरेलू क्रिकेट में इस तरह का दबदबा बहुत कम देखने को मिलता है.
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सचिन से की तुलना
वैभव की ऐतिहासिक पारी से प्रभावित होने वालों में कांग्रेस सांसद और क्रिकेट प्रेमी शशि थरूर भी शामिल हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वैभव सूर्यवंशी की तुलना सचिन तेंदुलकर से करते हुए लिखा कि पिछली बार जब 14 साल की उम्र में ऐसा असाधारण टैलेंट दिखा था, तो वह सचिन तेंदुलकर थे. थरूर ने सवाल उठाया कि अब चयनकर्ता किस बात का इंतजार कर रहे हैं.
अंडर-19 एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ असफल रहने के बाद वैभव की मानसिक मजबूती को लेकर सवाल उठे थे. लेकिन इस पारी के जरिए उन्होंने साफ कर दिया कि एक मैच की नाकामी उनके आत्मविश्वास को डिगा नहीं सकती. उन्होंने बेहद परिपक्वता, शानदार टाइमिंग और ताकत के साथ सीनियर गेंदबाज़ों पर दबदबा बनाया और साबित किया कि वह अपनी उम्र से कहीं आगे का क्रिकेट खेल रहे हैं.
आकाश चोपड़ा भी हुए कायल
पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा ने भी वैभव सूर्यवंशी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि यह पारी असाधारण है और अगर वैभव इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी इसी तरह का प्रदर्शन दोहराते हैं, तो भारतीय टीम में उनकी एंट्री को नजरअंदाज करना मुश्किल हो जाएगा.
आईपीएल में होगी असली परीक्षा
राजस्थान रॉयल्स द्वारा रिटेन किए गए वैभव सूर्यवंशी के करियर का यह बेहद अहम दौर है. आगामी आईपीएल सीजन से पहले उनसे उम्मीदें काफी बढ़ चुकी हैं. अब सबकी नजर इस बात पर होगी कि क्या वह बड़े मंचों पर भी इसी तरह चमकते रहेंगे या फिर सीखने के उस दौर से गुजरेंगे, जिससे हर युवा खिलाड़ी को गुजरना पड़ता है.
फिलहाल इतना तय है कि भारतीय क्रिकेट को एक ऐसा नाम मिल गया है, जिस पर आने वाले समय में सभी की नजरें टिकी रहेंगी.
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