ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इंग्लैंड की टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और वो एक बार फिर एशेज गंवा चुकी है. खराब प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड के मौजूदा हेड कोच ब्रैंडन मैक्कुलम आलोचनाओं के घेरे में हैं. बेन स्टोक्स की कप्तानी और मैक्कुलम की चर्चित 'बैजबॉल' रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. एशेज सीरीज में 0-3 से पिछड़ चुकी इंग्लिश टीम पर अब क्लीन स्वीप होने का खतरा मंडरा रहा है. बाकी के दोनों मैचों में अंग्रेजों को अपना बेस्ट देना होगा, नहीं तो 0-5 की शर्मनाक हार तय हो जाएगी.
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ब्रैंडन मैक्कुलम को मई 2022 में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने टेस्ट टीम का हेड कोच नियुक्त किया था. आगे चलकर वो वनडे और टी20 फॉर्मेट में भी टीम के हेड कोच बनाए गए. मैक्कुलम की नियुक्ति इंग्लैंड की 0-4 से एशेज हार के बाद हुई थी. मैक्कुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की जोड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड की सोच बदल दी और टीम ने शुरुआती 11 मैचों में से 10 में जीत दर्ज की. हालांकि, इसके बाद इंग्लैंड का प्रदर्शन ठहराव का शिकार हो गया.
ब्रैंडन मैक्कुलम के अंडर इंग्लिश टीम ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ कोई भी पांच मैचों की बड़ी सीरीज जीतने में नाकाम रही. मैक्कुलम के भविष्य को लेकर चल रही बहस के बीच इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने बड़ा बयान दिया है. पनेसर ने कहा कि अब मैक्कुलम की जगह रवि शास्त्री को इंग्लैंड का अगला हेड कोच बनाया जाए.
पनेसर ने शास्त्री को कोच बनाने की मांग क्यों की?
एक यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान मोंटी पनेसर ने कहा कि शास्त्री इंग्लैंड के लिए सही विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि उन्हें बतौर कोच ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराने का अनुभव है. पनेसर ने कहा, 'आपको यह सोचना होगा कि आखिर ऑस्ट्रेलिया को हराना कौन जानता है? उनकी कमजोरियों का मानसिक, शारीरिक और रणनीतिक रूप से फायदा कैसे उठाया जाए? मेरे हिसाब से रवि शास्त्री को इंग्लैंड का अगला हेड कोच बनना चाहिए.'
रवि शास्त्री के कोच रहते भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दो बार उसकी धरती पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हराया. 2018-19 में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती. इसके बाद 2020-21 में 36 रनों पर ऑलआउट होने के बाद टीम इंडिया ने शास्त्री की कोचिंग में जबरदस्त कमबैक किया और चोटिल खिलाड़ियों से जूझती टीम इतिहास रचने में सफल रही
बढ़ती आलोचनाओं के बावजूद ब्रैंडन मैक्कुलम ने साफ किया है कि वह इस भूमिका में बने रहना चाहते हैं, लेकिन एशेज हार के बाद उनका भविष्य अब उनके हाथ में नहीं है. मैक्कुलम का ईसीबी के साथ कॉन्ट्रैक्ट 2027 के वनडे वर्ल्ड कप तक है, जिसमें उसी साल होने वाली घरेलू एशेज सीरीज भी शामिल है.
मेलबर्न में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ब्रैंडन मैक्कुलम ने कहा, 'मुझे नहीं पता. यह फैसला मेरे हाथ में नहीं है. मैं बस अपना काम करता रहूंगा, अपनी गलतियों से सीखूंगा और सुधार करने की कोशिश करूंगा. ये सवाल किसी और के लिए हैं, मेरे लिए नहीं. मैक्कुलम ने कहा कि आलोचनाओं के बावजूद उनका उत्साह कम नहीं हुआ है. मैक्कुलम का मानना है कि बतौर कोच आप खिलाड़ियों के साथ दुनिया घूमते हैं और रोमांचक क्रिकेट खेलने की कोशिश करते हैं, साथ ही कुछ हासिल करने का प्रयास करते हैं. मैक्कुल ने जोर देकर कहा कि उनका मकसद खिलाड़ियों से उनका बेस्ट निकालना होता है.
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