इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2026 की तैयारियों में सभी टीमें जुट गई हैं. 16 दिसंबर को UAE के अबूधाबी में खिलाड़ियों का ऑक्शन होगा. नीलामी का समय दोपहर ढाई बजे रखा गया है. मंगलवार (9 दिसंबर) को प्लेयर ऑक्शन लिस्ट को अंतिम रूप दिया गया. कुल 350 खिलाड़ी इस मिनी नीलामी में उतरेंगे. कुल मिलाकर इस बार 1390 क्रिकेटर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था, इनमें से 350 को शॉर्टलिस्ट किया गया. अब देखना होगा कि आखिर किस खिलाड़ी पर कितना पैसा बरसता है. लेकिन इस नीलामी से पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आखिर अबतक आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी कौन रहे हैं.
हर साल बनता गया नया रिकॉर्ड
आईपीएल हमेशा से क्रिकेट की दुनिया में ग्लैमर, रोमांच और बड़ी बोली लगाने के लिए जाना जाता रहा है. हर साल होने वाली नीलामी में फ्रेंचाइज़ियां उन खिलाड़ियों पर दांव लगाती हैं, जिनमें उन्हें मैच-विनिंग क्षमता दिखती है. 2008 से लेकर 2025 तक के आंकड़ों पर नज़र डालें तो साफ दिखता है कि समय के साथ खिलाड़ियों की कीमतों में न केवल बढ़ोतरी हुई है, बल्कि हर साल एक नया रिकॉर्ड भी बनता गया है.
2008 में धोनी पर लगी थी सबसे बड़ी बोली
इस यात्रा की शुरुआत 2008 में भारतीय दिग्गज खिलाड़ी एमएस धोनी से हुई थी, जिन्हें 1.5 मिलियन डॉलर में खरीदा गया था. यह सिर्फ एक बोली नहीं थी, बल्कि आगामी दशक में धोनी द्वारा आईपीएल पर किए जाने वाले दबदबे का संकेत थी. 2009 में केविन पीटरसन और एंड्रू फ्लिंटॉफ ने 1.55 मिलियन डॉलर की बोली पाकर सबको चौंका दिया.
साल 2010 में कीरोन पोलार्ड और शेन बॉन्ड पर 750k डॉलर की बोली लगी.
2011 में गंभीर पर लगी सबसे बड़ी बोली
समय के साथ जब लीग और बड़ी हुई, खिलाड़ियों की कीमतें भी तेज़ी से बढ़ीं. 2011 में गौतम गंभीर ₹11 करोड़ से भी अधिक की बोली पाकर कोलकाता नाइट राइडर्स का बड़ा दांव बने.
साल 2012 में जडेजा पर 2 मिलियन डॉलर की बोली लगी वहीं, साल 2013 की नीलामी में ग्लेन मैक्सवेल सबसे महंगे प्लेयर रहे और उनपर 1 मिलियन डॉलर की बोली लगी.
युवराज ने दो साल मारी बाजी
2014 और 2015 में युवराज सिंह पर फ्रेंचाइजियों की भारी दिलचस्पी देखने को मिली, और दोनों वर्षों में उन्होंने नीलामी का रिकॉर्ड तोड़ा. साल 2014 में युवराज पर 14 तो साल 2015 में 16 करोड़ का दांव खेला गया.
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2017 और 2018 में बेन स्टोक्स जैसे ऑलराउंडर्स की कीमतों ने दिखा दिया कि बहुमुखी खिलाड़ियों की मांग कितनी अधिक है. स्टोक्स पर 2017 में 14.5 करोड़ तो साल 2018 में 12.5 करोड़ का दांव खेला गया.
2020 से बदल गया नीलामी का समीकरण
2020 के बाद से नीलामी ने एक नया दौर देखा, जहां विदेशी तेज़ गेंदबाजों ने खूब पैसा बटोरा. पैट कमिंस (₹15.5 करोड़), क्रिस मॉरिस (₹16.25 करोड़) और सैम करन (₹18.5 करोड़) इसके प्रमुख उदाहरण हैं.
2024 और 2025 में यह ग्राफ़ और ऊपर गया. 2024 में मिचेल स्टार्क ने ₹24.75 करोड़ के साथ इतिहास बना दिया, लेकिन 2025 में ऋषभ पंत ने ₹27 करोड़ की रिकॉर्ड बोली पाकर यह साबित कर दिया कि भारतीय खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू किस ऊंचाई पर पहुंच चुकी है.
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