आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारतीय टीम की जीत के चर्चे हर तरफ हैं. फाइनल मुकाबला भारत और साउथ अफ्रीका की टीमों के बीच था जहां दोनों ही टीमों ने अपना पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल जीतने के लिए जी-जान लगा दिया. भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 299 रनों का टार्गेट दिया जिसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में महज 246 रन ही बना पाई.
हरमनप्रीत कौर की शानदार कप्तानी में भारत की दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा समेत सभी खिलाड़ियों ने जो क्रिकेट खेला, उसकी तारीफ भारत में तो हो ही रही है, साउथ अफ्रीका की मीडिया भी भारतीय टीम की खूब तारीफ कर रही है.
साउथ अफ्रीका के सभी बड़े अखबारों, न्यूज वेबसाइटों, टीवी नेटवर्कों ने क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की जीत पर खिलाड़ियों की भर-भर कर तारीफ की है. हालांकि, अपनी टीम की हार से वहां निराशा भी खूब है.
साउथ अफ्रीका की प्रमुख न्यूज वेबसाइट 'Daily Maverick' ने लिखा कि साउथ अफ्रीकी टीम फाइनल में एक बार फिर चूक गई है और भारत ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया है.
साउथ अफ्रीकी वेबसाइट ने लिखा, 'दक्षिण अफ्रीका के लिए यह एक और वर्ल्ड कप हार का झटका था, क्योंकि प्रोटियाज महिला टीम (साउथ अफ्रीकी महिला टीम) ने लगातार तीन सालों में खेले गए तीनों टूर्नामेंटों के फाइनल मुकाबले गंवाए हैं, जिनमें 2023 में दक्षिण अफ्रीका और 2024 में संयुक्त अरब अमीरात में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप भी शामिल हैं. इस बार यह निराशाजनक पल मुंबई में आया, जहां मेजबान भारत ने दक्षिण अफ्रीका को मात देकर अपने घरेलू ऑडिएंस के सामने पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया.'
लेख में लिखा गया कि 'साउथ अफ्रीकी कप्तान लॉरा वोलवार्ट का टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी करने का फैसला कुछ हद तक चौंकाने वाला था. हालांकि लक्ष्य का पीछा करते हुए, वोलवार्ट की शानदार बल्लेबाजी ने कुछ समय के लिए यह एहसास दिलाया कि शायद इस बार इतिहास बदला जा सकता है.'
साउथ अफ्रीकी वेबसाइट ने भारत की 298 रनों की पारी का जिक्र करते हुए लिखा, 'भारत का 298 रन का स्कोर पहली पारी के बाद कुछ कमतर लग रहा था, खासकर मुंबई की बल्लेबाजी के अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए. लेकिन फाइनल मुकाबले में पहली पारी में बनाए गए किसी भी रन की अहमियत बहुत होती है- और दक्षिण अफ्रीका के लिए 100 रन का पीछा करना भी एवरेस्ट पर चढ़ाई करने जैसा होता.'
साउथ अफ्रीकी मीडिया ने भारतीय टीम की तारीफ करते हुए लिखा कि 'वूमेन इन ब्लू' ने राउंड-रॉबिन चरण में लगातार तीन मैच हारने के बावजूद हवाओं की रुख अपने हक में मोड़ लिया. दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने मेजबान भारतीय टीम को हराया था, लेकिन भारत किसी तरह सबसे निचले स्थान पर रहते हुए भी सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहा.
लेख में लिखा गया, 'सेमीफाइनल में भारत ने जीत के प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया से हार का बदला लिया और फिर घरेलू मैदान पर अपनी पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीत ली. मैच के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा- भले ही हमने लगातार तीन मैच गंवाए, लेकिन मुझे हमेशा विश्वास था कि इस टीम में कुछ खास है, जो हालात पलट सकती है.'
दक्षिण अफ्रीका के एक अखबार TimesLive ने लिखा है कि भारत ने साउथ अफ्रीका को हरा दिया और कप्तान वोलवार्ट की कोशिशें बेकार चली गईं. अखबार ने अपने कप्तान की तारीफ में लिखा, 'वोलवार्ट ने शानदार बल्लेबाजी की. उन्होंने 101 रन बनाए, बड़े ही धीरज और मेहनत से. लेकिन भारतीय बॉलर्स उनके खिलाफ अपनी प्लानिंग में सफल हुए और अमनजोत कौर ने उनका विकेट लपक लिया.'
इंडिपेंडेंट ऑनलाइन वेबसाइट ने लिखा है कि रविवार को भारत ने 52 रनों से हराकर साउथ अफ्रीका के वर्ल्ड कप जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया.
वेबसाइट ने लिखा, 'कप्तान लॉरा वोलवार्ट के लिए रविवार को नवी मुंबई में भारत के हाथों वर्ल्ड कप फाइनल की हार का सबसे बड़ा अफसोस यह था कि टीम अपनी स्टार ऑलराउंडर मरीजान कैप को परफेक्ट विदाई नहीं दे सकी. 35 साल की कैप ने रविवार को संभवतः अपना आखिरी वनडे वर्ल्ड कप खेला.'
वेबसाइट ने कप्तान वोलवार्ट के हवाले से आगे लिखा, 'कैप ने इस टूर्नामेंट के कई संस्करणों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. यह वास्तव में दुखद है कि शायद यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप था. पूरी टीम यह खिताब उनके लिए जीतना चाहती थी. वो दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की एक बड़ी हस्ती हैं, सच कहूं तो, उनका टीम में होना ऐसा है जैसे हमारे पास एक ही खिलाड़ी में दो खिलाड़ी हों. हम वाकई खुशनसीब हैं कि वो हमारी टीम का हिस्सा रही हैं.'
साउथ अफ्रीकी न्यूज वेबसाइट न्यूज24 डॉट कॉम ने लिखा कि कप्तान वोलवार्ट की शानदार शतकीय पारी भी भारत को हराने में काम नहीं आई है और भारतीय टीम महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल की चैंपियन बन गई.
अफ्रीकी मीडिया लिखता है, 'यह कहने में कोई संदेह नहीं कि खेल में बने रहने के लिए कप्तान वोलवार्ट को एक अच्छी पार्टनरशिप की जरूरत थी जो उन्हें मिल न सकी. लगातार तीन फाइनल में पहुंचने और पहली बार ओडीआई वर्ल्ड कप फाइनल खेलने के बाद ऐसा लग रहा था कि जीत का सूखा खत्म होगा. लेकिन रविवार को नवी मुंबई में जब मैच अपने अंजाम तक पहुंचा तब फैसला साउथ अफ्रीका के हक में नहीं आया, वो साउथ अफ्रीका का दिन नहीं था.'
न्यूज24 डॉट कॉम ने आगे लिखा, 'भारतीय पारी और साउथ अफ्रीका की पारी में संभवतः सबसे बड़ा अंतर ये था कि भारतीय टीम में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा जैसे प्लेयर्स ने अहम योगदान देते हुए क्रमशः 87 और 58 रन बनाए और इन्होंने धुआंधार गेंदबाजी भी की. उधर, साउथ अफ्रीका की वोलवार्ट अकेले लक्ष्य का पीछा करते हुए मैदान में डटी रहीं, उनकी साथी खिलाड़ी आती गईं और आउट होती गईं.'
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