भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट 22 नवंबर से गुवाहाटी में होना है. इस मैच से पहले टीम के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने गौतम गंभीर का बचाव किया है. उन्होंने गंभीर की हो रही आलोचना पर भी सवाल उठाए हैं.
कोटक साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में हार के बाद गौतम गंभीर पर हुई आलोचना से बेहद नाराज हैं और उनका मानना है कि इसमें कुछ लोगों के छिपे हुए स्वार्थ भी जुड़े हैं. कोलकाता में 30 रन की हार गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में पिछले एक साल में भारत की घरेलू मैदान पर चौथी टेस्ट हार थी.
कोटक ने दूसरे टेस्ट से पहले गुरुवार को कहा- गौतम गंभीर, गौतम गंभीर' (आलोचना) की जा रही है. मैं यह इसलिए कह रहा हूं...क्योंकि मैं स्टाफ का हिस्सा हूं और मुझे बुरा लगता है. यह तरीका सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि आलोचना कभी-कभी एजेंडा चलाने के लिए की जाती है. वह बोले- शायद कुछ लोगों के व्यक्तिगत एजेंडे हैं. उन्हें शुभकामनाएं, लेकिन यह बहुत गलत है.
गंभीर को कोलकाता टेस्ट की पिच का बचाव करने के लिए भी आलोचना मिली है, जहां भारत 124 जैसे आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए भी हार गया. इस पर गंभीर ने बल्लेबाजों पर सवाल उठाए थे. तीन दिनों में खत्म हुए मैच में टर्निंग ट्रैक पर स्पिनरों ने सबसे ज्यादा नुकसान किया और गंभीर ने कहा था कि पिच बिल्कुल वैसी ही थी जैसी टीम प्रबंधन ने मांगी थी. उनका यह बयान कप्तान शुभमन गिल के हालिया बयान के बिल्कुल उलट था, जिसमें उन्होंने कहा था कि टीम घरेलू मैदान पर अधिक स्पोर्टिंग विकेट चाहती है.
कोटक का तर्क: खिलाड़ियों से सवाल क्यों नहीं पूछा गया?
कोटक को यह देखकर हैरानी हुई कि गंभीर के अलावा किसी और पर सवाल नहीं उठाए जा रहे. उन्होंने कहा- कोई यह नहीं कह रहा कि इस बल्लेबाज ने यह किया, इस गेंदबाज ने वह किया, या फिर हम बल्लेबाजी में कुछ अलग कर सकते थे. कोटक ने गंभीर की सराहना की कि उन्होंने खुले तौर पर पिच की जिम्मेदारी खुद ली और क्यूरेटर की जगह दोष अपने ऊपर लिया. उन्होंने कहा- पिछले मैच की पिच पर गौतम ने कहा कि उन्होंने सारी जिम्मेदारी ली. उन्होंने यह इसलिए कहा क्योंकि वे क्यूरेटर पर आरोप (Blame) नहीं डालना चाहते थे.
अफ्रीका ने बेहदर प्रदर्शन किया...
कोटक ने स्वीकार किया कि साउथ अफ्रीका ने उसी पिच पर बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन उन्होंने बताया कि भारत किन पहलुओं में पीछे रह गया. उन्होंने कहा, "जब बल्लेबाज मैदान पर जाता है, अगर हम उसे कहें कि आक्रामक खेलो, तेज खेलो, तो यह सही नहीं होगा. हम खिलाड़ियों से कहते हैं कि अपनी योजना बनाओ, थोड़ा समय लो. ऐसा नहीं है कि अगर आप पहली गेंद से आक्रामक खेलेंगे तो हमेशा मार पड़ जाएगी. जब कोई आक्रामक खेलता है, वह भी दिखता है. लेकिन बेहतर है कि आप इस तरह की पिच पर डिफेंसिव से ज्यादा Busy cricket (सक्रिय क्रिकेट) खेलें, सही Footwork के साथ....
T20 ने टेस्ट तकनीक बदल दी, इसलिए...
कोटक का मानना है कि पिछले 15 साल में T20 क्रिकेट बढ़ने के कारण बल्लेबाज की तकनीक और मानसिकता बदल गई है. उन्होंने कहा, "अब दुनिया में कई खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट को अच्छी तरह अपनाते हैं. लेकिन तीनों की तकनीक अलग होती है. टेस्ट मैच में आप footwork पर निर्भर होते हैं. T20 और power-hitting में आप जल्दी बेस बनाने पर ध्यान देते हैं. इसलिए जल्दी बेस बनाने में footwork कम होता है.
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