'जडेजा बाहर हों, कुलदीप को मिले मौका...', टीम इंडिया के पूर्व कोच की शुभमन ब्रिगेड को नसीहत

टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने शुभमन ब्रिगेड को बड़ी सलाह दी है. चैपल का मानना है कि अगर भारत को इस सीरीज में जीत दर्ज करनी है, तो टीम कॉम्बिनेशन पर फिर से विचार करना होगा.

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Kuldeep Yadav (PTI Photo) Kuldeep Yadav (PTI Photo)

aajtak.in

  • बर्मिंघम,
  • 30 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST

भारतीय टीम को अब इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई (बुधवार) से बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर खेलना है. 2 जुलाई से शुरू हो रहा यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है. अगर भारतीय टीम इस मैच को जीतती है तो सीरीज में ना सिर्फ 1-1 की बराबरी करेगी, बल्कि सीरीज का रोमांच भी सातवें स्थान पर पहुंच जाएगा.

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टीम इंडिया को पूर्व कोच ने दी ये सलाह

अब एजबेस्टन टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने शुभमन ब्रिगेड को बड़ी सलाह दी है. चैपल का मानना है कि अगर भारत को इस सीरीज में जीत दर्ज करनी है, तो टीम कॉम्बिनेशन पर विचार करना होगा. चैपल के मुताबिक भारतीय टीम को कुलदीप यादव और अर्शदीप सिंह जैसे विकल्पों को आजमाना चाहिए, साथ ही रवींद्र जडेजा की भूमिका पर पुनर्विचार करना जरूरी है.

ग्रेग चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा, 'गेंदबाज बदलने से विकेट मिलते हैं क्योंकि बल्लेबाज को दोबारा सोचकर खेलना पड़ता है. गिल के पास यह विकल्प नहीं था. अगर बुमराह नहीं हैं तो मैं बाएं हाथ के गेंदबाज अर्शदीप सिंह को टीम में शामिल करना चाहूंगा. साथ ही कुलदीप यादव को भी अपनी टीम में रखूंगा, जो शायद शेन वॉर्न के बाद सर्वश्रेष्ठ कलाई के स्पिनर हैं.'

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ग्रेग  चैपल का मानना है कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में रवींद्र जडेजा फ्रंटलाइन स्पिनर नहीं माने जा सकते. चैपल लिखते हैं, 'अगर उनका बैटिंग में योगदान काफी अच्छा है तो उन्हें सपोर्ट स्पिनर के तौर पर रखा जा सकता है, नहीं तो उन्हें बाहर करना होगा. भारत को इस सीरीज में वापसी करनी है, तो टीम को संतुलित करना जरूरी है.'

ग्रेग चैपल का ये भी मानना है कि भारतीय टीम की गेंदबाजी सिर्फ जसप्रीत बुमराह पर निर्भर है, वहीं बाकी के गेंदबाज सही लेंथ-लाइन पर गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बन रहा है. उन्होंने लिखा, 'सभी गेंदबाज एक जैसे हैं, दाएं हाथ के मीडियम पेसर और एक ही एंगल से गेंदबाजी. मैंने एक भी ओवर में लगातार दो गेंदें ऐसे नहीं देखीं, जो बल्लेबाजों को परेशान करे. या तो गेंद बहुत फुल थी, या बहुत शॉर्ट, या दिशा से भटकी हुई. इंग्लैंड को बस बुमराह को झेलना होता है और उसके बाद दबाव अपने आप खत्म हो जाता है.'

चैपल का ऐसा रहा इंटरनेशनल करियर

ग्रेग चैपल ने 2005-07 के दौरान भारतीय टीम को कोचिंग दी थी. ग्रेग चैपल का कार्यकाल विवादों से भरपूर रहा था और कप्तान सौरव गांगुली से उनके मतभेद सामने आए थे. उनकी कोचिंग में भारतीय टीम का प्रदर्शन वनडे वर्ल्ड कप 2007 में काफी खराब रहा था और वो पहले ही राउंड में बाहर हो गई थी. चैपल ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 87 टेस्ट मैचों में 7110 रन बनाए. वहीं 74 वनडे इंटरनेशनल मैचों में उनके नाम पर 2331 रन दर्ज हैं.

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