इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट मैच में भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने शानदार प्रदर्शन किया है. बुमराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में पांच विकेट चटकाए, जिसके चलते भारतीय टीम पहली पारी के आधार पर 6 रनों की लीड लेने में कामयाब रही. बुमराह ने टेस्ट मैचों में 14वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाए हैं.
अब जसप्रीत बुमराह ने अपनी सफलता का राज बताया है. साथ ही बुमराह ने अपने आलोचकों पर भी निशाना साधा है, जिन्हें लगता था कि अजीबोगरीब गेंदबाजी एक्शन के कारण वो 8 से 10 महीने के अंदर अर्श से फर्श पर आ जाएंगे. बुमराह का मानना है कि दृढ़ आत्मविश्वास के चलते वो इंटरनेशनल क्रिकेट में एक दशक पूरा करने में सफल रहे.
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जसप्रीत बुमराह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'लोगों को लगता था मैं कि इन सभी वर्षों में केवल 8 महीने खेलूंगा. कुछ ने कहा कि 10 महीने, लेकिन अब मैंने 10 साल इंटरनेशनल क्रिकेट और 12-13 साल आईपीएल खेल लिया है. अब भी लोग हर चोट के बाद कहते हैं कि मैं आगे नहीं खेल सकूंगा. उन्हें कहने दें, मैं अपना काम करता रहूंगा. हर 4 महीने में ये चीजें सामने आती रहेंगी, लेकिन जब तक ईश्वर की कृपा रहेगी, मैं खेलता रहूंगा.'
शोएब अख्तर पर एक तरह से था तंज!
जसप्रीत बुमराह ने ऐसा कहकर पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर पर भी तंज कसा है, जिन्होंने एक बार कहा था कि बुमराह अपने एक्शन के चलते तीनों फॉर्मेट में ज्यादा नहीं खेल पाएंगे. अख्तर ने कहा था कि यदि बुमराह लगातार खेलते रहें तो वो एक साल में टूट जाएंगे. अख्तर ने तब ये भी कहा था कि फ्रंटल आर्म एक्शन वाले बॉलर को जब बैक इंजरी होती है तो वो उसका पीछा नहीं छोड़ती है. अख्तर ने इसे समझाने के लिए न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड का उदाहरण दिया था.
जसप्रीत बुमराह ने आगे कहा, 'मैं अपनी तरफ से बेस्ट तैयारी करता हूं. फिर मैं ईश्वर पर छोड़ देता हूं कि वह मुझ पर और कितना आशीर्वाद बरसाते हैं. लोग क्या लिखते हैं, यह मेरे नियंत्रण से बाहर है. मैं लोगों को यह सलाह नहीं दे सकता कि वे मेरे बारे में क्या लिखें. अगर मेरे बारे में लिखने से उन्हें रीडर्स मिलते हैं तो इसमें मुझे कोई परेशानी नहीं है.'
लीड्स टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहली पारी में छह कैच छोड़े, जिसमें चार कैच तो बुमराह की गेंदों पर छूटे. इसे लेकर जसप्रीत बुमराह ने कहा, 'यह खेल का हिस्सा है. हमें इस बारे में सोचने की जगह आगे के खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. अगर कैच लिए जाते तो स्वाभाविक तौर पर ये अच्छा होता. उम्मीद है खिलाड़ी अपनी गलतियों से सीख लेंगे.'
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