सेंट्रल जोन ने सोमवार को बेंगलुरु में साउथ जोन को 6 विकेट से मात दी और 11 साल बाद दलीप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. कुल मिलाकर रजत पाटीदार के लिए यह साल यादगार रहा है. उन्होंने पहले इसी साल RCB को IPL ट्रॉफी जितवाई और अब अपनी कप्तानी का दमखम दलीप ट्रॉफी में दिखाया.
65 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए सेंट्रल जोन के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के मैदान पर 5वें दिन की टूटती हुई पिच पर साउथ के गेंदबाजों ने परखा, लेकिन लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं था.
अक्षय वाडकर (19 नाबाद, 52 गेंद) और पहली पारी में शतक लगाने वाले यश राठौड़ (13 नाबाद, 16 गेंद) क्रीज पर थे, जब सेंट्रल ने 20.3 ओवरों में 4 विकेट खोकर 66 रन बनाते हुए दलीप ट्रॉफी में अपना 7वां खिताब हासिल किया.
हालांकि, साउथ टीम अपने दूसरी पारी (426 रन) के जुझारू खेल और अंतिम पारी में गेंदबाजी से कुछ सुकून ले सकती है, क्योंकि उन्होंने सेंट्रल की जीत में देरी जरूर की.
बाएं हाथ के स्पिनर अंकित शर्मा ने दानिश मालेवर (5) को आउट किया, जब उनकी गेंद तेजी से स्पिन हुई और बल्ले का किनारा लेते हुए विकेटकीपर मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में चली गई.
इसके बाद शर्मा ने सेंट्रल कप्तान रजत पाटीदार का विकेट लिया, जो एक जल्दबाजी में स्लॉग स्वीप खेल बैठे और एमडी निधीश के हाथों मिड-ऑन पर लपके गए.
तेज गेंदबाज गुरजपनीत सिंह, जिन्हें रविवार को इंडिया-ए में जगह मिली, ने शुभम शर्मा और सरांश जैन (प्लेयर ऑफ द सीरीज) के विकेट निकालकर सेंट्रल कैंप में कुछ बेचैनी पैदा की. लेकिन ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ राठौड़ और वाडकर ने बिना और नुकसान के सेंट्रल को लक्ष्य तक पहुंचा दिया.
पाटीदार के लिए यह इस साल का दूसरा खिताब रहा, क्योंकि उन्होंने इससे पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को आईपीएल में जीत दिलाई थी. स्वाभाविक रूप से वे बेहद खुश थे.
उन्होंने पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में कहा, 'हर कप्तान को ट्रॉफी जीतना अच्छा लगता है. लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन जज्बा दिखाया और मैं इससे बहुत खुश हूं. यहां विकेट थोड़ा सूखा था, इसलिए हमने पहले बल्लेबाजी चुनी. मुझे डेनिश और यश के लिए खुशी है, उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी की.'
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