अगले हफ्ते से एशिया की शीर्ष टीमें टी20I फॉर्मेट में आमने-सामने होंगी. यह टूर्नामेंट टीमों के लिए 2026 टी20 वर्ल्ड कप (जो भारत में फरवरी और मार्च में खेला जाएगा) से पहले की सबसे अच्छी तैयारी होगी. ऐसे में आजतक आपको एशिया कप की कुछ सुनहरी यादें फिर से याद दिलाने की कोशिश करेगा. हम आपको इस टूर्नामेंट के कुछ बेहतरीन मुकाबलों से रूबरू कराएंगे.
भारत बनाम बांग्लादेश: एशिया कप 2018 फाइनल
एशिया कप के इतिहास के सबसे नाटकीय फाइनल्स में से एक में, भारत ने बांग्लादेश को आख़िरी गेंद पर तीन विकेट से हराकर 28 सितंबर 2018 को अपना सातवां एशिया कप खिताब जीता. दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल में सबकुछ था. शानदार बल्लेबाज़ी, अचानक गिरते विकेट, वापसी और एक ब्लॉकबस्टर जैसा अंत.
ऐसा रहा था मुकाबला
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए, बांग्लादेश मज़बूत स्थिति में दिख रहा था. लिटन दास ने 117 गेंदों पर 121 रन बनाए. यह उनके करियर का पहला वनडे शतक था. मेहदी हसन मिराज़ के साथ मिलकर उन्होंने मज़बूत शुरुआत दी. इस जोड़ी ने 120 रन की साझेदारी की और फाइनल में बांग्लादेश को बेहतरीन प्लेटफॉर्म दिया.
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हालांकि, जैसे ही भारतीय गेंदबाज़ों ने लय पकड़ी, बांग्लादेश की पारी ढह गई. कुलदीप यादव (3/45) और केदार जाधव (2/41) ने कमान संभाली, और बांग्लादेश लगातार विकेट खोता चला गया. 120 रन बिना किसी नुकसान के पहुंचने के बाद, टीम 48.3 ओवर में 222 रन पर ढेर हो गई. रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने भी सटीक गेंदबाज़ी की और भारत को मैच में वापसी कराई.
लेकिन आसान नहीं था ये चेज
223 रन का पीछा करते हुए भारत की पारी बिल्कुल भी आसान नहीं रही. टॉप ऑर्डर जल्दी लड़खड़ा गया. शिखर धवन और अंबाती रायडू काफ़ी सस्ते में आउट हो गए. कप्तान रोहित शर्मा ने 48 रन बनाकर पारी संभाली, लेकिन उनके आउट होते ही भारत का मिडिल ऑर्डर एक बार फिर दबाव में आ गया. दिनेश कार्तिक (37) और महेंद्र सिंह धोनी (36) ने दबाव में महत्वपूर्ण रन जोड़े, लेकिन कोई भी टीम को जीत तक नहीं ले जा सका.
जैसे-जैसे विकेट गिरते गए और रन की ज़रूरत बढ़ती गई, रविंद्र जडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने सातवें विकेट के लिए 45 रन की अहम साझेदारी कर भारत को क़रीब ला दिया. उनकी शांत बल्लेबाज़ी ने भारत को लक्ष्य के और करीब पहुंचाया, लेकिन भुवनेश्वर के आउट होते ही मैदान पर फिर से वही खिलाड़ी लौटे. केदार जाधव, जो चोटिल होने के कारण पहले रिटायर हर्ट होकर बाहर चले गए थे.
तनाव से भरे आख़िरी ओवर में, जब स्कोर बराबर था और आख़िरी गेंद पर 1 रन चाहिए था, जाधव ने हिम्मत नहीं हारी. आख़िरी गेंद उनके पैड से लगकर अनरक्षित फाइन-लेग की ओर लुढ़क गई और भारत ने शानदार जीत दर्ज की. जाधव की वापसी और शांत स्वभाव ने उन्हें उस रात का अनकहा हीरो बना दिया.
हालांकि बांग्लादेश हार गया, लेकिन लिटन दास को उनके शानदार शतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. यह हार बांग्लादेश के लिए काफ़ी दर्दनाक रही, क्योंकि टीम ने चोटिल खिलाड़ियों की कमी के बावजूद ज़बरदस्त संघर्ष किया था.
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