IND vs SL World Cup Semifinal 1996: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 28 साल पहले आज ही के दिन कुछ ऐसा हुआ था, जिसे कोई भी दिग्गज या फैन याद नहीं करना चाहेगा. यह 13 मार्च 1996 का दिन था, जो बदनुमा दाग दे जाने वाले दिन के तौर पर हमेशा याद किया जाता रहेगा. इस दिन भारत और श्रीलंका के बीच 1996 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला गया था.
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए इस सेमीफाइनल मैच के बारे में सोचने पर अब भी नाराज प्रशंसकों और आंसुओं से भरे विनोद कांबली के चेहरे की याद जेहन में ताजा हो जाती है. भारतीय बल्लेबाजी के ढहने के बाद दर्शक आक्रामक हो गए थे और उनके बुरे बर्ताव के कारण मैच पूरा नहीं हो सका और इसे श्रीलंका के नाम कर दिया गया.
सेमीफाइनल में श्रीलंका ने दिया था 252 रनों का टारगेट
दरअसल, यह वही साल था, जब भारत की मेजबानी (संयुक्त रूप से) में वनडे वर्ल्ड कप खेला गया था. इस टूर्नामेंट में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारतीय टीम ने धांसू प्रदर्शन किया था और सेमीफाइनल में जगह बनाई थी.
मगर बदकिस्मती से उसे सेमीफाइनल में श्रीलंका के हाथों बुरी तरह हार झेलनी पड़ी थी. यह महामुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 13 मार्च को ही खेला गया था. इस मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस तो जीत लिया था, लेकिन मुकाबले में हार झेलनी पड़ी थी.
मैच में पहले बैटिंग करते हुए अर्जुन रणतुंगा की कप्तानी वाली श्रीलंकाई टीम ने 8 विकेट पर 251 रन बना दिए थे. मैच में अरविंद डी सिल्वा ने 66 रनों की पारी खेली थी. जबकि जवगल श्रीनाथ ने 3 और सचिन तेंदुलकर ने 2 विकेट लिए थे. इसके बाद जो सबसे बुरा होना था, वो दूसरी पारी में हुआ.
ताश के पत्तों की तरह ढह गई भारतीय बल्लेबाजी
दरअसल, 252 रनों के टारगेट के जवाब में भारतीय टीम एक समय 98 रन पर एक विकेट गंवाकर अच्छी स्थिति में थी, लेकिन सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद टीम का बल्लेबाजी क्रम ढह गया. इसके बाद भारतीय टीम ने 120 रनों पर 8 विकेट गंवा दिए थे.
35वां ओवर होना था और भारतीय टीम को 156 गेंदों पर 132 रनों की दरकार थी, जो नामुमकिन लग रहे थे. विनोद कांबली 10 और अनिल कुंबले बगैर खाता खोले क्रीज पर मौजूद थे. इसके बाद दर्शकों ने मैदान पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दी और आगजनी कर दी. दर्शकों ने स्टेडियम के एक हिस्से में बैठने वाली जगह पर आग लगा दी थी.
इसके बाद मुकाबले को यहीं रोकना पड़ गया. जिसके बाद मैच रैफरी क्लाइव लाइड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया. मैच का यह हाल देख नाबाद रहे कांबली मैदान पर ही रोने लगे. उनकी कई तस्वीरें वायरल हुईं. अब यह मुकाबला ईडन गार्डेंस में आगजनी और मैदान पर दर्शकों की ओर से फेंकी गईं बोतलों, चप्पलों, जूतों के लिए याद किया जाता है.
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