बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को विस्तार से समझने के लिए यह बताया जा रहा है कि यहां जो घटनाएं हो रही हैं, उनके पीछे पाकिस्तान और उसकी सेना की भूमिका हो सकती है. अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन से पहले दोनों देशों के बीच काफी कड़वाहट थी. लेकिन बाद में बनी अंतरिम सरकार के तहत, खासकर मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में, पाकिस्तान के लिए बांग्लादेश में दरवाजे खुल गए. दिसंबर 2024 में दोनों देशों के बीच सैन्य प्रशिक्षण समझौता हुआ, जो 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था. जनवरी 2025 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ढाका आए और इसके बाद भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ीं. फरवरी 2025 में दोनों देशों के बीच पचास साल बाद सीधा व्यापार शुरू हुआ. हाल ही में दो महीने पहले पाकिस्तान के सेना के पूर्व प्रमुख जनरल शमशाद मिर्ज़ा ढाका आए और मोहम्मद युनूस ने उन्हें ग्रेटर बांग्लादेश का विवादित नक्शा भेंट किया, जिससे भारत में विवाद बढ़ा. इसके बाद कई बांग्लादेशी नेता भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अपना हिस्सा बताते हुए धमकी देने लगे. इस क्रम में बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियों तेजी से बढ़ रही हैं और पाकिस्तान की भूमिका भी मजबूत हो रही है. पाकिस्तान ने यहां के लश्कर और जैश के हैंडलर्स को भी भेजा है जो भारत के खिलाफ जिहाद के लिए बांग्लादेश को लॉन्चिंग पैड बनाने की बात कर रहे हैं. लश्कर के कमांडर सैफुल्ला सैफ की बातों से यह सच सामने आता है.