बच्चों के डायपर में ऑस्ट्रेलिया पहुंचा भारतीय कीड़ा, 1.58 लाख करोड़ रुपये के अनाज को खतरा

ऑस्ट्रेलिया में बेल्जियम से आयातित बच्चों डायपर में भारतीय कीड़ा मिला है. जो अनाज उद्योग के लिए बड़ा खतरा है. अगर यह कीड़ा फैला तो 1.50 लाख करोड़ का नकुसान हो सकता है. सरकार ने 2000 में से 1500 कार्टन ट्रैक कर लिए. लोगों से डायपर न इस्तेमाल करने की अपील की गई है.

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बेल्जियम से ऑस्ट्रेलिया में मंगाए गए डायपर्स में भारतीय कीड़ा खापरा बीटल मिला है. (Photo: Wiki) बेल्जियम से ऑस्ट्रेलिया में मंगाए गए डायपर्स में भारतीय कीड़ा खापरा बीटल मिला है. (Photo: Wiki)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST

ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ा खतरा सामने आया है. देश के सुपरमार्केट्स में बिकने वाले इंपोर्टेड डायपर में खापरा बीटल (खापरा कीट) के लार्वा मिले हैं. यह कीड़ा अनाज भंडारण को नष्ट कर सकता है. ऑस्ट्रेलिया के 18 बिलियन डॉलर (करीब 1.58 लाख करोड़ रुपये) के अनाज उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. ऑस्ट्रेलिया के कृषि मंत्रालय ने कहा कि यह कीट शिपिंग कंटेनर में सवार होकर आया.

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खापरा बीटल क्या है... यह कैसे खतरा है?

खापरा बीटल एक छोटा भूरा कीट है, जो 0.7 मिलीमीटर लंबा और 0.25 मिलीमीटर होता है. इसके लार्वा (मैगॉट जैसे) 4.5 मिलीमीटर लंबे, सुनहरे-भूरे रंग के और बालदार होते हैं. यह कीट भंडारित अनाज, चावल, तेल बीज और सूखे खाने पर हमला करता है. इससे अनाज खराब हो जाता है. खाने या जानवरों के लिए बेकार हो जाता है.

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ऑस्ट्रेलिया में अभी यह कीट नहीं फैला है, लेकिन अगर फैल गया तो व्यापारिक देश ऑस्ट्रेलिया के अनाज को खारिज कर देंगे. ऑस्ट्रेलिया दुनिया का बड़ा गेहूं, जौ और सोरघम निर्यातक है. कृषि मंत्रालय इसे अनाज उद्योग के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है.

NSW Farmers के अध्यक्ष ज़ेवियर मार्टिन ने कहा कि यह कीड़ा फुट एंड माउथ जैसी बीमारी जितना नुकसान पहुंचा सकता है. सरकार को इसे रोकने के लिए सब कुछ करना चाहिए, वरना नुकसान का अंदाजा भी नहीं लगेगा.

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यह कीड़ा मूल रूप से भारत का है, लेकिन एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में फैल चुका है. ऑस्ट्रेलिया ने इसे रोकने के लिए 14.5 मिलियन डॉलर का एक्शन प्लान चलाया है.

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डायपर में कैसे आया ये कीड़ा?

7 सितंबर को न्यू साउथ वेल्स में डायपर में लार्वा मिलने की सूचना मिली. यह डायपर ब्रांड 'लिटिल वन' के अल्ट्रा ड्राई नेपी पैंट्स वॉकर साइज 5 (42 पैक) के थे, जो वूलवर्थ्स (ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी सुपरमार्केट चेन) में बिकते हैं. ये डायपर बेल्जियम की कंपनी ऑन्टेक्स से आयातित थे.

कृषि मंत्री जूली कोलिंस ने कहा कि यह कीट शिपिंग कंटेनर में सवार होकर आया. हमने 2000 कार्टन में से 1500 ट्रैक कर लिए हैं, लेकिन कुछ अब भी बाजार में हैं. हम चाहते हैं कि यह कहीं न फैले. ऑन्टेक्स ने कहा कि उन्हें नहीं पता लार्वा कहां से आया, लेकिन उत्पादन के दौरान नहीं आया. कंपनी ने सिडनी के ईस्टर्न क्रीक फैक्टरी और वेयरहाउस को बंद कर दिया है, जब तक जांच पूरी न हो.

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सरकार और कंपनियों की कार्रवाई

  • कृषि मंत्रालय ने आयातक और रिटेलर के साथ मिलकर डायपर ट्रेस और ट्रीट करने का काम शुरू किया. वूलवर्थ्स ने सभी अनबिके डायपर शेल्फ से हटा लिए और क्वारंटाइन कर दिए.
  • मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि अगर आपने ऐसे डायपर खरीदे हैं, तो उन्हें इस्तेमाल न करें. बैग में सील कर दें और अधिकारियों को कॉल करें या DAFF की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें.
  • मेलबर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्र्यू रॉबिन्सन ने कहा कि डायपर में यह कीड़ा मिलना आश्चर्यजनक है, लेकिन इससे पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया का बायोसेक्योरिटी सिस्टम काम कर रहा है. 

अनाज उद्योग पर संभावित नुकसान

ऑस्ट्रेलिया का अनाज उद्योग 18 बिलियन डॉलर का है. खापरा बीटल अनाज को 75% तक नुकसान पहुंचा सकता है, न सिर्फ खाने से बल्कि त्वचा और कीट के अवशेषों से. इससे निर्यात रुक सकता है. कृषि विश्लेषक एंड्र्यू व्हाइटलॉ ने कहा कि यह चिंताजनक है. अगर फैल गया, तो अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगेगा.

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