21 मई 2025 को दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने अचानक करवट ली. दिन में जहां तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस था और "फील्स लाइक" (जैसा महसूस होता है) तापमान 50.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, वहीं शाम को तेज धूल भरी आंधी, भारी बारिश और ओलावृष्टि ने लोगों को गर्मी से राहत दी.
लेकिन इस मौसम ने कई परेशानियां भी खड़ी कीं, जैसे कम दृश्यता, पेड़ों का उखड़ना, सड़कों पर पानी भरना और उड़ानों में देरी. IMD का रेड अलर्ट और सलाह बताते हैं कि हमें ऐसे मौसम में सावधान रहना चाहिए. आने वाले दिनों में भी गर्मी और बारिश का मिश्रण बना रह सकता है, इसलिए सतर्क रहें और सुरक्षित रहें.
यह भी पढ़ें: तूफान-ओले से पेड़-होर्डिंग गिरे, लगा लंबा जाम... दिल्ली-NCR में मौसम ने ढाया कहर
आइए समझते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में यह मौसम क्यों और कैसे बदला...
1. दिल्ली-एनसीआर में मौसम का हाल
तेज धूल भरी आंधी: बुधवार शाम करीब 8 बजे दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाएं चलीं, जिनकी रफ्तार 79 किलोमीटर प्रति घंटा (सफदरजंग) और 74 किलोमीटर प्रति घंटा (पटपम गंज) तक पहुंची. पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार, भजनपुरा और गोकलपुरी जैसे इलाकों में धूल के बड़े-बड़े गुबार दिखे, जिससे दृश्यता (विजिबिलिटी) बहुत कम हो गई.
भारी बारिश और ओलावृष्टि: आंधी के बाद भारी बारिश शुरू हुई. लोदी रोड और गोल मार्केट जैसे इलाकों में ओले भी गिरे. नोएडा और गाजियाबाद में भी बारिश और ओलों ने सड़कों को पानी से भर दिया.
राहत के साथ परेशानी: इस मौसम ने गर्मी से राहत तो दी, लेकिन कई समस्याएं भी लाईं. पेड़ उखड़ गए, सड़कों पर पानी भर गया, ट्रैफिक जाम हुआ और मेट्रो सेवाएं प्रभावित हुईं. दिल्ली हवाई अड्डे पर कई उड़ानें देरी से चलीं या रद्द हुईं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में झुलसाने वाला मौसम, 40 डिग्री के तापमान में फील हुई 50 डिग्री वाली गर्मी
2. इस मौसम के बदलाव का कारण क्या था?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस अचानक मौसम बदलाव के पीछे निम्नलिखित कारण थे...
चक्रवाती हलचल (साइक्लोनिक सर्कुलेशन): हरियाणा और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती हलचल थी, जो पंजाब से बांग्लादेश तक फैली एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ (निम्न दबाव का क्षेत्र) में थी. यह मौसम को अस्थिर करने का मुख्य कारण बना.
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी: इस चक्रवाती हलचल ने अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी को खींचा. इस नमी ने बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं को बढ़ावा दिया.
तेज हवाएं और अस्थिरता: नमी और गर्म हवा के मिश्रण से वातावरण में अस्थिरता पैदा हुई, जिसके कारण तेज हवाएं, धूल भरी आंधी, गरज-चमक और बारिश हुई.
IMD ने इस मौसम को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के लिए रेड अलर्ट जारी किया, जिसमें लोगों को घर में रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई.
यह भी पढ़ें: भारत के 60% जिलों को अत्यधिक गर्मी और लू का भयानक खतरा!
3. गर्मी और नमी ने हालात को कैसे बदतर किया?
"फील्स लाइक" तापमान: दिल्ली में दिन में तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस था, लेकिन ज्यादा नमी (34% से 64%) के कारण यह 50.2 डिग्री सेल्सियस जैसा महसूस हुआ. इसे "हीट इंडेक्स" या "फील्स लाइक" तापमान कहते हैं, जो तापमान और नमी को मिलाकर बताता है कि मौसम कितना गर्म लग रहा है.
वेट बल्ब तापमान: ज्यादा नमी के कारण शरीर का पसीना सूख नहीं पाता, जिससे शरीर ठंडा नहीं हो पाता. इसे "वेट बल्ब तापमान" कहते हैं. दिल्ली में यह 31-32 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, जो खतरनाक स्तर है. अगर यह 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए, तो कई घंटे बाहर रहना जानलेवा हो सकता है.
स्वास्थ्य पर असर: ज्यादा गर्मी और नमी से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और थकान जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए.
यह भी पढ़ें: जिस कामिकेज ड्रोन से भारत ने PAK में टारगेट किए तबाह... अब DRDO बना रहा है उसका स्टील्थ वर्जन
4. मौसम ने दिल्ली-एनसीआर को कैसे प्रभावित किया?
5. यह मौसम सामान्य था या असामान्य?
मई का महीना दिल्ली में गर्मी और आंधी-तूफान दोनों के लिए जाना जाता है. गर्मी के कारण हवा में नमी बढ़ती है, और जब कोई चक्रवाती हलचल या निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, तो आंधी, बारिश और ओलावृष्टि आम है. लेकिन 21 मई की आंधी और बारिश असामान्य रूप से तीव्र थी, क्योंकि हवाओं की रफ्तार बहुत ज्यादा थी (79 किलोमीटर प्रति घंटा तक). धूल के गुबार ने दृश्यता को लगभग शून्य कर दिया. बारिश और ओलावृष्टि ने कई इलाकों में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी.
6. भविष्य में क्या उम्मीद है?
IMD के अनुसार, दिल्ली में जून के अंत तक, जब मानसून आता है, तब तक गर्मी और नमी बनी रहेगी. बारिश से तापमान में थोड़ी कमी आ सकती है, लेकिन नमी के कारण गर्मी का अहसास बना रहेगा. गुरुवार (22 मई) को अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
7. क्या करें, क्या न करें?
इस तरह के मौसम में सुरक्षित रहने के लिए...
आजतक साइंस डेस्क