Air India की बड़ी लापरवाही: आठ बार बिना सुरक्षा प्रमाण-पत्र के उड़ी एयरबस, कर्मचारियों पर कार्रवाई

एअर इंडिया का A320 विमान नवंबर में आठ बार बिना जरूरी सुरक्षा प्रमाण-पत्र (ARC) के उड़ता रहा. 8 कॉमर्शियल उड़ानें भरीं. गलती का पता खुद कंपनी को चला, DGCA को बताया. विमान ग्राउंडेड है. सभी जिम्मेदार कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया. दोनों तरफ जांच चल रही है.

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एयर इंडिया का एयरबस ए320 विमान टेकऑफ करता हुआ. (File Photo: Reuters) एयर इंडिया का एयरबस ए320 विमान टेकऑफ करता हुआ. (File Photo: Reuters)

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:26 PM IST

एअर इंडिया को एक बड़ा झटका लगा है. कंपनी के एक एयरबस ए320 विमान ने नवंबर 2025 में कई उड़ानें भरीं, लेकिन उसके पास जरूरी सुरक्षा प्रमाण-पत्र 'एयरवर्थिनेस रिव्यू सर्टिफिकेट'(ARC) नहीं था. यह प्रमाण-पत्र हर साल मिलता है, जिसमें विमान की पूरी जांच होती है. बिना इसके उड़ाना कानूनन गलत और खतरनाक है.

इस गलती का पता एअर इंडिया की आंतरिक जांच में चला. विमान ने 24-25 नवंबर को 8 कॉमर्शियल उड़ानें (सेक्टर्स) भरीं यानी सैकड़ों यात्री सवार थे. जैसे ही पता चला, विमान को तुरंत ग्राउंड कर दिया गया. एअर इंडिया ने 26 नवंबर को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को पूरी बात बताई. DGCA ने भी जांच शुरू कर दी है.

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ARC क्या है? क्यों जरूरी है यह प्रमाण-पत्र?

ARC विमान की मुख्य 'सर्टिफिकेट ऑफ एयरवर्थिनेस' (C of A) को वैलिडेट करता है. यह हर साल एक गहन जांच के बाद जारी होता है. इसमें विमान के रखरखाव के रिकॉर्ड, शारीरिक स्थिति और सुरक्षा मानकों की पूरी जांच होती है, बिना ARC के विमान उड़ाना मतलब यात्री और क्रू की जान को खतरे में डालना.

एअर इंडिया को अपने विमानों के ARC खुद जारी करने का अधिकार है. लेकिन विस्तारा मर्जर के बाद 70 विस्तारा विमानों के लिए DGCA ने फैसला लिया था कि पहला ARC रिन्यूअल वो खुद करेगा. 69 विमानों के ARC ठीक से जारी हो चुके थे, लेकिन 70वें विमान का मामला अटक गया. इस विमान का इंजन बदलने के लिए उसे ग्राउंड किया गया था. इंजन बदलने के बाद ARC एक्सपायर हो चुका था. फिर भी उसे उड़ाया गया. 

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DGCA की सख्ती: जांच और निर्देश

DGCA ने कहा कि एअर इंडिया ने 26 नवंबर को बताया कि विमान बिना ARC के 8 उड़ानें भर चुका है. तुरंत विमान को रोक दिया गया. ARC प्रक्रिया फिर शुरू कर दी गई. DGCA ने एयरलाइन को आंतरिक जांच करने का आदेश दिया है, ताकि ऐसी गलती दोबारा न हों. संबंधित कर्मचारियों को ड्यूटी से हटा दिया गया है.

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यह मामला लेवल 1 उल्लंघन माना जा रहा है, जो उड़ान सुरक्षा को सीधे प्रभावित करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक रखरखाव सिस्टम में ऐसी गलती मुश्किल से होनी चाहिए. एयर इंडिया के पास इन-हाउस 'कंटीन्यूइंग एयरवर्थिनेस मैनेजमेंट ऑर्गनाइजेशन' (CAMO) है, जो सभी प्रमाण-पत्रों पर नजर रखता है. फिर भी 8 उड़ानों तक गलती न पकड़ना सुरक्षा संस्कृति पर सवाल उठाता है.

एअर इंडिया का बयान: खेदजनक घटना, कर्मचारी सस्पेंड

एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि हमारे एक विमान का बिना ARC के उड़ना खेदजनक है. जैसे ही पता चला, DGCA को सूचना दी गई. सभी जिम्मेदार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. हम पूरी जांच कर रहे हैं. DGCA के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं. हम हमेशा सुरक्षा और संचालन की उच्चतम मानकों का पालन करते हैं. कंपनी ने कहा कि यह एक चूक थी, लेकिन अब सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं.

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व्यापक प्रभाव: मर्जर और वैश्विक सुरक्षा चिंताएं

यह घटना विस्तारा-एअर इंडिया मर्जर के बीच आई है, जहां 70 विमानों को एकीकृत करने का काम चल रहा है. इससे एअर इंडिया की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर सवाल उठे हैं. वैश्विक स्तर पर एविएशन में रखरखाव और सुरक्षा पर नजर बढ़ रही है. एयरबस ने फ्यूसलेज पैनल की गुणवत्ता समस्या पाई, लेकिन वो विमान उड़ान भर ही नहीं रहे. दुनिया भर के एयरबस फ्लीट ने सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद उड़ानें शुरू की हैं. इस लापरवाही से किराएदार समझौते टूट सकते हैं. इंश्योरेंस कवर प्रभावित हो सकता है. यात्री संगठन भी सतर्क हो गए हैं.

क्या होगा आगे? सबक और सावधानियां

DGCA की जांच पूरी होने पर एअर इंडिया पर जुर्माना या और सख्त कार्रवाई हो सकती है. कंपनी को सिस्टम में कमजोरियों को ठीक करना होगा, जैसे दस्तावेज चेकिंग को और सख्त बनाना. एविएशन विशेषज्ञ कहते हैं कि उड़ान से पहले इंजीनियरों को रात में सभी दस्तावेज जांचने चाहिए.

यह घटना पूरे एविएशन उद्योग के लिए चेतावनी है. सुरक्षा में कोई चूक बर्दाश्त नहीं. एअर इंडिया जैसी बड़ी कंपनी को अपनी जिम्मेदारी और निभानी होगी, ताकि यात्रियों का भरोसा बना रहे.

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