सिर्फ आज ही का दिन है, जब दुनिया की 99 फीसदी आबादी को एकसाथ मिलती है सूरज की पूरी रोशनी

8 जुलाई 2022 यानी आज का दिन. कहा जाता है कि सिर्फ इसी दिन 11:15 UTC यानी भारतीय समयानुसार शाम को 4:45 पर पूरी दुनिया की 99 फीसदी आबादी को सूरज की रोशनी एकसाथ मिलती है. यानी 7.7 अरब जनसंख्या पर सीधे धूप गिरती है.

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इस नक्शे से आप समझ सकते हैं कि आज के दिन कहां-कहां पहुंच रही है सूरज की सीधी रोशनी. (फोटोः Timeanddate.com) इस नक्शे से आप समझ सकते हैं कि आज के दिन कहां-कहां पहुंच रही है सूरज की सीधी रोशनी. (फोटोः Timeanddate.com)

aajtak.in

  • लंदन,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST
  • सिर्फ 8 करोड़ लोगों को नहीं मिलती धूप
  • 21 जून की तुलना में आज ज्यादा रोशनी

आज का दिन यानी 8 जुलाई 2022 को पूरी दुनिया की 99 फीसदी आबादी को सीधे सूरज की रोशनी मिलती है. अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह के 11:15 UTC पर. यानी भारतीय समयानुसार शाम को 4:45 बजे. अब इस बात में कितनी सच्चाई है? ये तो आगे पढ़कर पता चलेगा.  

कोलंबिया विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क के वैज्ञानिक कहते है. हमने 2022 में सूरज किस समय पर सबसे ज्यादा रोशनी देता है. इस बात पर अध्ययन किया. पता चला कि 8 जुलाई को 11:15 यूटीसी पर सिर्फ 8 करोड़ लोगों के लिए ही रात होती है. 7.7 अरब लोगों को इस समय रोशनी मिलती है.

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दुनिया की 7.7 अरब आबादी को मिलती है आज के दिन रोशनी. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

यानी दुनिया के लगभग सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र हैं- उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया शामिल हैं. यहां पर सबसे ज्यादा सूरज की रोशनी पड़ती है. जबकि, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों और अंटार्कटिका पर कम रोशनी पहुंचती है. यानी यह एक ऐसा समय होता है, जब सूरज की रोशनी धरती के सभी महाद्वीप पर सीधी पड़ती है. सूरज की रोशनी दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को कवर करती है. 

8 जुलाई 2022 को दुनिया के 83 फीसदी लोगों की सीधी धूप, 16 फीसदी लोगों को अप्रत्यक्ष धूप और बचे हुए लोगों को नहीं मिलती. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक बड़ी खोज है. तकनीकी रूप से देखा जाए तो 8 जुलाई को 21 जून की तुलना में ज्यादा लोगों तक धूप पहुंचती है. 

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जैसे ही सूर्य धीरे-धीरे दक्षिण की ओर बढ़ता है, उसकी रोशनी धीरे-धीरे उत्तरी क्षेत्रों से पीछे हट जाती हैं. हालांकि, 11:15 यूटीसी पर, यह बदलाव केवल बड़े पैमाने पर आबादी वाले क्षेत्रों पर असर करता है. जैसे कि उत्तरी प्रशांत महासागर. (ये खबर इंटर्न आदर्श ने बनाई है)

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