Shardiya Navratri 2025: नवरात्र में किस दिन पहने किस रंग के वस्त्र? यहां देखें पूरी लिस्ट

Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर यानी आज से हो रही है. यह पावन पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए बेहद उत्तम माना गया है. नवरात्र में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है.

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नवरात्र में नौ दिन इस रंग के कपड़े पहनकर करें मां दुर्गा की उपासना. (Photo: Pixabay) नवरात्र में नौ दिन इस रंग के कपड़े पहनकर करें मां दुर्गा की उपासना. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

Shardiya Navratri 2025: 22 सितंबर यानी आज से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है. हिंदू धर्म में यह पर्व अत्यंत पावन माना जाता है. नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस पावन पर्व में प्रत्येक दिन एक विशेष देवी स्वरूप की आराधना के साथ-साथ उनके प्रिय रंग के कपड़े पहनने से साधक को अद्भुत फल प्राप्त होते हैं. यह रंग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और साधक के मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध बनाते हैं. आइए जानते हैं नवरात्र के नौ दिन और उनसे जुड़े नौ रंगों का महत्व.

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पहला दिन - मां शैलपुत्री (पीला रंग)

नवरात्र की शुरुआत होती है मां शैलपुत्री की पूजा से. इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा जाता है. पीला रंग आशा, ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन पीले वस्त्र धारण करने से जीवन में प्रसन्नता और सौभाग्य का वास होता है.

दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी (हरा रंग)

दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, जो तपस्या और संयम की प्रतिमूर्ति हैं. हरा रंग शांति, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है. इस रंग के वस्त्र पहनकर मां की उपासना करने से जीवन में विकास और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है.

तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा (भूरा रंग)

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. भूरा रंग स्थिरता और संतुलन का प्रतीक है. इस दिन भूरे कपड़े पहनने से साधक के जीवन में शांति और कल्याण की प्राप्ति होती है.

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चौथा दिन - मां कूष्मांडा (नारंगी रंग)

मां कूष्मांडा ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री मानी जाती हैं. नारंगी रंग साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा का प्रतीक है. इस दिन नारंगी वस्त्र पहनने से भय दूर होता है और जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है.

पांचवा दिन - मां स्कंदमाता (सफेद रंग)

पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. इन्हें शक्ति और मातृत्व की देवी माना जाता है. सफेद रंग पवित्रता और शांति का प्रतीक है. इस दिन सफेद वस्त्र पहनने से साधक को मानसिक शांति और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.

छठा दिन - मां कात्यायनी (लाल रंग)

छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना होती है. इन्हें साहस और स्वास्थ्य की देवी कहा गया है. लाल रंग शक्ति, जोश और विजय का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनने से जीवन में निरोगता और आत्मबल की वृद्धि होती है.

सातवां दिन - मां कालरात्रि (नीला रंग)

सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. इनका स्वरूप अत्यंत उग्र और दुष्टों का संहार करने वाला है. नीला रंग दृढ़ता, सुरक्षा और गहनता का प्रतीक है. इस दिन नीले वस्त्र पहनने से भय और नकारात्मकता दूर होती है.

आठवां दिन - मां महागौरी (गुलाबी रंग)

आठवें दिन मां महागौरी की आराधना की जाती है. इन्हें पवित्रता और करुणा की देवी माना जाता है. गुलाबी रंग प्रेम, शांति और सौंदर्य का प्रतीक है. इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर पूजा करने से आत्मा शुद्ध होती है और जीवन में सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है.

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नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री (बैंगनी रंग)

नवरात्र का समापन होता है मां सिद्धिदात्री की पूजा से. यह देवी भक्तों को सिद्धियां प्रदान करती हैं. बैंगनी रंग ज्ञान, आध्यात्मिकता और रहस्यमयी ऊर्जा का प्रतीक है. इस दिन बैंगनी वस्त्र पहनने से जीवन में चमत्कारिक फल प्राप्त होते हैं.

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