Chandra Grahan 2021: वृष राशि में कल लगेगा 'महा चंद्र ग्रहण', सूतक लगेगा या नहीं? जानें क्या होगा असर

Chandra Grahan 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम और सबसे लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार दिनांक 19 नवंबर 2021 को दोपहर 12:48 से प्रारंभ होगा और सायंकाल 4:17 पर समाप्त होगा. इसके 15 दिन बाद मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अमावस्या शनिवार 4 दिसंबर को खग्रास सूर्य ग्रहण भी लगेगा.

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Chandra Grahan 2021 Chandra Grahan 2021

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 18 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST
  • 15 दिन में लगने जा रहे दो ग्रहण
  • दो ग्रहण से पड़ेगा विपरीत प्रभाव

Chandra Grahan 2021: कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी 19 नवंबर 2021 को खंड ग्रस्तोदित चंद्र ग्रहण लगेगा. यह चंद्र ग्रहण वृष राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. वृष राशि के स्वामी शुक्र देव और कृतिका नक्षत्र के स्वामी सूर्यदेव हैं. भारत में यह वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण केवल मोक्ष के समय अत्यंत सूक्ष्मता से देखने पर असम और अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर राज्यों में मात्र कुछ समय के लिए दिखाई देगा. भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, रूस और चीन के पूर्वोत्तर भागों में दिखाई पड़ेगा. 

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सबसे लंबा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 19 November 2021 Timing in India)
वाराणसी भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम और सबसे लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार दिनांक 19 नवंबर 2021 को दोपहर 12:48 से प्रारंभ होगा और सायंकाल 4:17 पर समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकंड होगी, जोकि पिछले 500 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा.

ग्रहण का सूतक काल (Chandra grahan 2021 Sutak Timing)
श्री काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री व ज्योतिषाचार्य पं दीपक मालवीय ने बताया कि भारतवर्ष में यह उप छाया ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा और इससे संबंधित कोई भी धर्म शास्त्रीय मान्यताएं लागू नहीं होंगी. पंचांग के अनुसार, 19 नवंबर 2021 को चंद्र ग्रहण लगेगा और इसके 15 दिन बाद मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अमावस्या शनिवार 4 दिसंबर को खग्रास सूर्य ग्रहण भी लगेगा. 

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15 दिन में दो ग्रहण से मिलेंगे विपरीत प्रभाव (solar eclipse & lunar eclipse effect)
उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण भारत में देखा नहीं जा सकेगा. इसको दक्षिणी गोलार्ध के देशों ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका अंटार्कटिका दक्षिण अटलांटिक महासागर और दक्षिणी हिंद महासागर में देखा जा सकेगा. चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसकी भी कोई धर्म शास्त्रीय मान्यता नहीं होगी. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 15 दिनों के भीतर दो ग्रहण लगना उत्तम नहीं माना जाता है. इसके विपरीत प्रभाव जनमानस को प्राप्त होते ही हैं.

 

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